तरबूज के भाव आसमान पर, इंजेक्शन लगाकर लाल करने में जुटे किसान

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फर्रुखाबाद: जायद की फसल तरबूज के भाव इस वर्ष कुछ ज्यादा ही तेजी पकड़े हुए हैं। तेजी का पूरा फायदा उठाने के चक्कर में किसान भी सारे फंडे अपना रहे हैं। किसान तरबूज को जल्दी ही लाल करने के लिए उसमें आक्सीटोसिन इंजेक्शन लगा रहे हैं। जिससे तरबूज तो लाल हो रहा है लेकिन खाने वाले के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ रहा है।

बीते कई वर्षों से तरबूज में इतनी तेजी नहीं देखी गयी। 15 से 20 रुपये में बिकने वाला तरबूज इस वर्ष 50 से 80 रुपये में बेचा जा रहा है। जिससे आम उपभोक्ता तरबूज खाने का मन बनाकर ही रह जाता है। वहीं 8 से 10 रुपये किलो में बिकने वाला खरबूजा 16 से 20 रुपये किलो में बिक रहा है।

महंगाई को भुनाने के चक्कर में किसान तरबूज को जल्दी लाल करने के लिए इसमें आक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाकर तरबूज के रेसों को लाल कर रहे हैं। समय से पहले ही पका देने वाले तरबूज में वह रस नहीं आ पाता जो होना चाहिए। वहीं आक्सीटोसिन से पका हुआ तरबूज खाने वाले लोगों के स्वास्थ्य को भी खराब कर रहा है। इससे गंभीर बीमारियों के फैलने का भी खतरा बना हुआ है। लोग 50 से 80 रुपये में खरीदकर तरबूज अपने परिवार के साथ बड़े चाव से खा रहे हैं। वहीं उन्हें यह मालूम ही नहीं है कि तरबूज को हानिकारक दवाई आक्सीटोसिन से पकाया गया है। जिससे उनकी सेहत बिगड़ सकती है।

जो भी हो सब्जियों, तरकारियों, तरबूज, लौकी इत्यादि में आक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाकर बेचा जा रहा है जिसको देखने वाला कोई नहीं है। प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को मिलावटखोरों से वसूली करने की ही फुर्सत नहीं है तो इन्हें कौन देखे।