साला मच्छर- कहाँ कहाँ नहीं काटता है

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कमबख्त मच्छर हमारी आबादी बढ़ा रहा है| सोनिया किन्नर ने कोल्ड ड्रिंक की बोतल को कुछ आशिकाना अंदाज में मुह में फिट किया, आधा घूँट हलक के नीचे उतारा और पेट से वापस निकलने वाली गैस ढोलकिया धर्मेन्द्र के मुह पर छोड़ अपनी भड़ास गैस के साथ निकाल दी| ढोलकिया ने सोनिया के हाँ में हाँ मिलाई और बीढ़ी का बड़ा सा सुट्टा जोर से अन्दर की और खीचा और धुआं सोनिया किन्नर के ऊपर उड़ेल दिया| बात तो सही कहती हो गुरु साले मच्छरों ने जीना हराम कर रखा है| अब तो रात में हवा भी ठंडी नहीं चलती| मुआ छत पर रात भर तालिया ऐसे पिट रही है मानो हजारो नाना पाटेकर हिजड़ा बनने की ट्रेनिंग ले रहे हो| कमबख्त चेयरमेनो ने नगरपालिका चूस कर रख दी| दिखावे को मिटटी के तेल का धुआं मोहल्ले मोहल्ले मशीन से फैला दिया और अपने घरो के आस पास मच्छर मारने की दवा डाल कर धुआं किया| नासपीटे नरक में भी जगह नहीं मिलेगी| गुरु क्या बात करती हो मच्छर की जिन्दगी ही कितनी| सुबह पैदा हुआ और रात में काट पीट कर मर गया| अबे धरमु मैं बात मच्छरों की नहीं चेयरमेनो की कर रही हूँ|

ये मच्छर जब खून चूसता है तो मर्द औरत गरीब अमीर कुछ नहीं देखता| साला कहाँ कहाँ नहीं काटता| सुबह सुबह हलके होने जाओ नीचे फलश के छेद से निकलता और निशाने पर काटता है| मारो अब मारो| कहाँ कहाँ मारोगे| मार मार के अपने ही पुट्ठे लाल कर लो| पीछे से ऐसे काम लगाता है कि उड़ने के बाद खुजली होने पर पता चलता है| गोरी चिट्टी जगह में इसे कांटने में बड़ा मजा आता है| साफ़ सुथरा खून पिओ और बाद में साला कटवाने वाला भी निशान देख मच्छर के मरने के बाद भी याद करे| इसकी निगाह में सब बराबर है| शराबी को महसूस नहीं होता और अमीर सात दरवाजो के भीतर तमाम प्रकार के यंत्र तंत्र लगाकर सोता है| अरे मच्छर , क्यों मेरा खून चूस रहा है। तुझे धुआ नहीं दिखता। यदि इसे मशीन से बाहर कर दूंगा तो बेमौत मर जाएगा। हा..हा..। खूब मजाक करते हो। अरे, ये धुआ कभी मुझ पर अटैक नहीं करेगा। इसकी दवा तो मेरे रखवाले नगरपालिका के कर्मी कबकी हजम कर चुके हैं। अब मैं चिंता मुक्त हूं। मैं खत्म नहीं हूंगा। हा, याद रखो तुमने मुझे धमकी दी, इसका बदला ब्याज में खून पीकर चुकाऊंगा।

इस शहर के आम आदमी की यही पीड़ा है तो रात की आंधी में कुछ कम हो जाएगी| कम से कम दो दिन के लिए मच्छरों की एक बड़ी आबादी आज रात हालाक हो जाएगी| ये पूरे शहर की पीड़ा है। पूरे शहर में मच्छरों का जोर है लेकिन नगरपालिका ने कहीं फॉगिंग नहीं कराई है। हा उसका बजट जरूर हर रोज ठिकाने लग रहा है। शहर में मच्छरों के खात्मे के लिए नगरपालिका में पूरा प्लान बनाया गया| पिछले 15 साल से हो रहा है| अफसर कालोनी, मीडिया के दफ्तरों, बड़े मीडिया कर्मिओ के घरो और नगरपालिका के कारिंदों माय चेयरमेन के घरो के आसपास धुआं हो गया| मीडिया के छायाकारो को बुलाकर कर मिटटी के तेल से धुआं फेकती मशीन का फोटो शेसन कराया और काम ख़तम|

वैसे नियमानुसार या यूं कहें कि जरुरत के मुताबिक एंटी लारवा के लिए सुबह और फॉगिंग केलिए शाम के समय फागिंग की जानी चाहिए| मगर 15 करोड़ के भारी भरकम नौकरों की फ़ौज में से एक भी ऐसा कारिन्दा नहीं जो इस संजीदा हो| नगर स्वास्थ्य अधिकारी सुन्दरम से तो उम्मीद ही क्या करिए|

नगरपालिका के कर्मचारी कहते है कि प्लान में अनुसार हमारे क्षेत्र में जहा-जहा फॉगिंग होनी थी, वहा हो रही है। किसी क्षेत्र विशेष के बारे में नहीं बता पाएंगे।