बारदाने की आड़ में केन्द्र प्रभारी कर रहे गेहूं खरीद में खेल

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फर्रुखाबाद: जनपद में गेहूं खरीद केन्द्रों पर बारदाने की आड़ में केन्द्र प्रभारियों द्वारा किसानों के गेहूं में लम्बा खेल किया जा रहा है। जहां केन्द्रों पर सरकारी रेट पर खरीद करने के लिए वारदाने की कमी है वहीं किसानों से 1100 रुपये प्रति कुन्तल में बेचने पर बारदाने की कोई कमी नहीं है। ऐसे में सरकारी मूल्य की अपेक्षा करने वाले किसानों का गेहूं खुले आसमान में सड़ने को मजबूर है। राजेपुर केन्द्र पर किसानों का लगभग एक हजार कुन्तल गेहूं खुले में पड़ा है। जिसे कोई देखने वाला नहीं है।

राजेपुर स्थित राजकीय गेहूं खरीद केन्द्र पर किसानों के गेहूं को वारदाना न होने का बहाना बनाकर खुले में डलवा दिया गया है। बारदाना न होने के कारण उनके गेहूं की बीते कई दिनों से तौल नहीं हो पा रही है। खरीद केन्द्र पर पल्लेदारों के अलावा कोई कर्मचारी मौजूद नहीं है।
भटौली से आये किसान छेदालाल ने बताया कि उसका केन्द्र पर लगभग 100 कुन्तल गेहूं खुले में लगा हुआ है और एक सप्ताह से वह केन्द्र पर तौल के इंतजार है। यहां पर कोई भी कर्मचारी नहीं आता है। लेकिन बिचौलियों के माध्यम से गेहूं की खरीद बराबर की जा रही है। 1285 रुपये में बिकने वाला गेहूं बिचौलिये 1100 रुपये प्रति कुन्तल के हिसाब से किसानों से खरीदकर इसी केन्द्र पर डाल देते हैं। जिनके लिए वारदाना भी उपलब्ध हो जाता है। जो किसान 1100 रुपये प्रति कुन्तल के हिसाब से गेहूं नहीं बेचते हैं उनका गेहूं खुले आसमान के नीचे डलवा दिया जाता है।

इस प्रकार केन्द्र पर कई किसानों का गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा है। मौसम खराब होने पर किसानों के गेहूं की सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं है। खुले में पड़े गेहूं को पशुओं द्वारा नुकसान पहुंचाया जा रहा है तथा उनके गेहूं की चोरी भी की जा रही है। जिससे उनको भारी क्षति उठानी पड़ रही है।

केन्द्र प्रभारी श्रवण कुमार ने फोन पर बताया कि मुझे शुक्रवार को ही चार्ज मिला है। परन्तु अभी गेहूं खरीद का चार्ज जयकिशोर के पास है। इसलिए खरीदकेन्द्र के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सकता।