बेसिक स्कूलों के कर्मठ शिक्षक: एक सप्ताह पूर्व ही करा ली वार्षिक परीक्षा

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मोहम्मदाबाद (फर्रुखाबाद): जनपद के प्राइमरी विद्यालयों में 3 मई से शुरू हुई वार्षिक परीक्षा मजाक बनी हुई है। विद्यालयों के शिक्षक अपनी-अपनी साख बचाने के चक्कर में बच्चों को नकल कराने में जुटे हुए हैं। वहीं बच्चों को इतनी भी जानकारी नहीं है कि वह ब्लैकबोर्ड पर लिखे गये प्रश्न व उनके उत्तर ठीक से कापी में उतार सकें। ग्राम सकवाई में कक्षा 6 व कक्षा 7 की परीक्षायें एक सप्ताह पहले ही करा दी गयी हैं जबकि यह सभी परीक्षायें 3 मई से होनी थी।  यह हालत किसी एक स्कूल की नहीं वल्कि जनपद के अधिकांष प्राइमरी विद्यालयों का है।

विकासखण्ड मोहम्मदाबाद के ग्राम सकवाई में जब जेएनआई टीम ने देखा तो वहां अव्यवस्थाओं का हाल यह था कि बच्चे किताब रखकर नकल कर रहे हैं। कक्षा 6 व कक्षा 7 की परीक्षायें पहले ही करा दी गयी हैं जबकि यह सभी परीक्षायें 3 मई से होनी थी। उच्च प्राथमिक विद्यालय सकवाई की प्रधानाध्यापिका कुसुम राठौर ने बताया कि उन्होंने कक्षा 6 व 7 की परीक्षा एक सप्ताह पहले करा दी। कक्षा 8 के 38 बच्चों मे से मात्र 27 बच्चे उपस्थित थे। जो किताब रखकर नकल कर रहे थे। सहायक अध्यापक कुसम, विनीत कुमार, सुषमा यहां पर तैनात हैं।

प्राथमिक विद्यालय सकवाई की प्रधानाध्यापिका शांती, शिक्षामित्र अंजू राठौर तैनात हैं। वहीं आज आर्ट का पेपर था जिसमें बच्चों से घर से आर्ट बनाकर लाने के लिए कह दिया गया। बच्चे बाहर से आर्ट बनवाकर कापी में लेकर आ रहे थे। यहां पर कुल 70 बच्चे रजिस्टर में पंजीकृत हैं। जिनमें कक्षा पांच में 11 बच्चे उपस्थित मिले। कक्षा 4 में छः, कक्षा तीन में पांच, कक्षा दो में तीन, कक्षा एक में मात्र दो बच्चे उपस्थित थे। प्राथमिक विद्यालय सकवाई में आंगनबाड़ी केन्द्र की कार्यकत्री किताब श्री की जगह पर कन्या प्राथमिक विद्यालय की आंगनबाड़ी केन्द्र सहायका मधू को भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि अक्सर जरूरत होने पर इधर से उधर हो जाते है।

विद्यालय में फैली अव्यवस्थाओं के कारण बेसिक स्कूलों की परीक्षायें मजाक बनी हुई हैं। छात्रों की कमजोरी के आगे शिक्षकों को अपनी शाख बचाना मुस्किल पड़ रहा है। कई बच्चे नकल उतारकर भी कापी पर लिखने में असमर्थ दिख रहे हैं। प्राइमरी विद्यालय का इतना बुरा हाल है कि मोटा वेतन पाकर भी शिक्षक बच्चों को आ, ई भी सही ढंग से नहीं सिखा पाते।