आरटीआई कार्यकर्ता की पहल पर एक और फर्जी शिक्षक की बर्खास्तगी तय

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फर्रुखाबाद: बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों की भरमार में विभागीय अधिकारियों की मिली भगत एक बार फिर स्थापित हो गयी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. कौशल किशोर ने आखिर कई शिकायतों को कूड़े के डिब्बे में डालने के बाद एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा सूचना के आधिकार के तहत फर्जी शिक्षिका कांति राठौर के कूट रचित प्रमाण पत्रों के विषय में सत्यापन आख्या जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर देने के बाद अब प्रकरण की जांच के लिये सत्यापन अधिकारी नियुक्त कर दिया है।

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मामला मोहम्मदाबाद विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय रामनगर कुढरिया में तैनात सहायक अध्यापिका कांति राठौर का है। कांति का चयन विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच में हुआ था। चयन के समय कांति राठौर द्वारा दाखिल बीए की अंकतांलिका ही फर्जी पायी गयी है। संबंधित विद्यालय डीबीएस कालेज कानपुर के प्राचार्य अशोक कुमार श्रीवास्तव ने सूचना के अधिकार के तहत दिये गये जवाब में स्पष्ट रूप से लिखा है कि कांति राठौर द्वारा प्रस्तुत बीए फाइनल की अंकतालिका पर अंकित अनुक्रमांक 325427 वर्ष 1997 में  विश्वविद्यालय द्वारा उनके महाविद्यालय को आबंटित ही नहीं किया गया। उल्लेखनीय है कि कांति राठौर मोहम्मदाबाद के ही ग्राम कन्हउ याकूब पुर की निवासी है। कांति का पति रागगोपाल राठौर भी बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापक है व वर्तमान में कानपुर में तैनात है। कांति राठौर के परिवार के ही व्यक्ति बृजनंदन राठौर नरबल डायट कानपुर देहात में तैनात रह चुके हैं। बृजनंदन राठौर के विषय में फर्जी प्रमाण पत्र बनाने की शिकायते हो चुकी हैं।

आरटीआई कर्यकर्ता द्वारा विद्यालय से आयी सत्यापन आख्या शिकायती पत्र के साथ जिलाधिकारी को सौंपी गयी थी। बीएसए डा. कौशल किशोर ने प्राप्त सत्यापन आख्या का सत्यापन कानपुर विश्वविद्यालय से कराने के लिये एबीएसए सर्वेश कुमार को विशेष वाहक के तौर जाने के निर्देश दिये है। कांति राठौर का वेतन रोक दिया गया है। मजे की बात है कि कांति राठौर को छह माह पूर्व प्रोन्नति भी मिल चुकी है।