कायमगंज (फर्रुखाबाद): कायमगंज कोतवाली क्षेत्र के दत्तू नगला में विगत रात्रि लगभग ढाई बजे बसपा नेता प्रदीप जाटव की गोली मार कर हत्या कर दी गयी। हत्या के बाद से घर में मौजूद ड्राइवर गुड्डन फरार है। प्रदीप को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया, जहां पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार प्रदीप की पत्नी गीता के ड्राइवर से अवैध संबंधों की चर्चा मोहल्ले में थी। फिलहाल ड्राइवर की तलाश में पुलिस छापे मार रही है।
बसपा नेता प्रदीप जाटव पुत्र महेंद्र सिंह निवासी गुलबाजनगर कायमगंज वर्तमान में दत्तू नगला में रह रहा था। प्रदीप की दो पत्नियां हैं। पहली पत्नी सुनीता गांव गुलबाज नगर में रहती है। दूसरी पत्नी गीता के साथ प्रदीप दत्तू नगला में उपेंद्र पुत्र रामबाबू के घर पर किराये पर रहता था। गीता से प्रदीप के दो बच्चे भी हैं। प्रदीप ने दत्तू नगला से ही ग्राम प्रधान का चुनाव भी लड़ा था। प्रदीप के घर पर ड्राइवर गुड्डन निवासी बकावली थाना सिड़पुड़ा जनपद एटा का आना जाना लगा रहता था। मोहल्ले के ही निजामुद्दीन, चिरागुद्दीन आदि के अनुसार ड्राइवर गुड्डन अकसर प्रदीप की अनुपस्थिति में भी आता जाता था। परंतु चूंकि प्रदीप दबंग टाइप का व्यक्ति था, इस लिये किसी की मुंह खोलने की हिम्मत नहीं थी। मकान मालिक उपेंद्र प्रजापति कायमगंज चीनी मिल में टाइम आफिस में नौकरी करता है।
घटना विगत रात्रि लगभग दो से ढाई बजे के बीच की है। मकान के एक कमरे में प्रदीप व उसकी पत्नी गीता बच्चों सहित सो रहे थे। दूसरे कमरे में मकान मालिक उपेंद अपनी पत्नी बंदना के साथ सोया था। ड्राइवर बाहर आंगन में सोया था। घटना से पूर्व उपेंद्र रात्रि लगभग साढे ग्यारह बजे चीनी मिल चला गया। उसकी रात्रि बारह बजे से टाइम आफिस में डयूटी थी। बंदना ने पति को भेजने के बाद पहले घर का बाहरी दरवाजा बंद किया व बाद में अपना कमरा अंदर से बंद कर सो गयी। मृतक प्रदीप की पत्नी गीता ने बातया कि रात्रि लगभग दो-ढाई बजे के बीच किसी ने उनके कमरे का दरवाजा खटखटाया उसने दरवाजा खोला तो अंधेरे में किसी व्यक्ति ने उसके पति पर फायर कर दिया। अंधेरा होने के कारण व गोली मारने वाले को पहचान नहीं पायी।
फायर की आवाज सुनने के बाद व गीता की चीखपुकार सुनने के बाद ग्रामीण एकत्र हो गये। इस दौरान वंदना का दवाजा अंदर से बंद ही रहा। ग्रामीणो ने लाख खटखटाया परंतु उसने दरवाजा नहीं खोला। बाद में ग्रामीणों ने चीनी मिल जा कर उपेंद्र को घटना की सूचना दी व उसको अपने साथ लेकर आये। उपेंद्र के भी अवाज देने पर जब बंदना ने अपने कमरे का दरवाजा नहीं खोला तो लोगों ने अंदर झांक कर देखा तो पता चला कि वंदना एक दीवार के सहारे बेहोश पड़ी थी। बाद में पति उपेंद्र द्वारा काफी आवाजें देने पर वंदना को होश आया तो उसने दरवाजा खोला। इसी बीच ड्राइवर गुड्डन मौके से फरार हो गया। रात में ग्रामीणों ने प्रदीप जाटव के परिजनों को गुलबाजनगर सूचना दी। परिजन रात में ही प्रदीप को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कायमगंज लेकर गये। यहां पर डा. महेंद्र ने प्रदीप को मृत घोषित कर दिया। परंतु प्रदीप के परिजन नहीं माने तो शव को लेकर लोहिया अस्पताल ले कर आये। यहां भी डाक्टरों ने जब प्रदीप को मृत घोषित कर दिया तो वह लोग उसे लेकर कानपुर के लिये रवाना हो गये।
सूचना मिलने तक प्रदीप के परिजन गुरुसहायगंज से ही प्रदीप के शव को वापस लेकर लोहिया अस्पताल लौट आये है। उधर पुलिस ड्राइवर गुड्डन की तलाश में कायमगंज से लेकर उसके मूल निवास थाना सिड़पुड़ा में भी छापे मार रही है। परंतु समाचार लिखे जाने तक गुड्डन पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है।