अमेरिका के बाद ब्रिटेन भी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने यहां यात्रा करने की इजाजत देने से इंकार कर सकता है।
हाल ही में अमेरिका ने कहा था कि मोदी पर उसकी वीजा नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। विदित है की वर्ष 2003 में नरेंद्र मोदी को ब्रिटिश वीजा दिया गया था, जिसका वहां के मानवाधिकार संगठनों ने जबरदस्त विरोध किया था। अब ब्रिटेन में नया इमिग्रेशन कानून बन गया है जिसके तहत उन गैर-यूरोपीय यूनियन नागरिकों को वीजा नहीं देने का प्रावधान है, जिन पर मानवाधिकारों के हनन का गंभीर आरोप लगा हैं।
संसद में पेश होने वाले नए इमिग्रेशन नियम के तहत गैर यूरोपीय संघ सदस्य देशों के उन नागरिकों के ब्रिटेन में प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाएगी, जिस पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप हैं। यदि यह नियम लागू हुआ तो इसकी जद में मोदी भी आ सकते हैं।
पहले के कानून के मुताबिक, ब्रिटेन उन्हीं लोगों को वीजा देने से इनकार करता है जो उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। नए नियम में यह प्रावधान है कि अगर किसी के खिलाफ मानवाधिकार हनन के विश्वसनीय प्रमाण हैं तो उसे ब्रिटेन वीजा देने से इनकार कर सकता है।