फर्रुखाबाद: उच्च पदों पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने रविवार को यहां वार्ता के दौरान इस बात से इनकार किया कि हमारा कानून सख्त नहीं है। उन्होंने कहा कि धारा 409 में उम्र कैद की सजा का प्राविधान है। यदि फांसी का प्राविधान होता तो आज बंगारू लक्ष्म्ण इस दुनिया में न होते।
श्री खुर्शीद ने बताया कि टेलीकाम घोटाले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में दिये गये ठेके निरस्त कर दिये जाने के कारण टेलीकाम सेक्टर को धक्का लगा है व इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टेलीकाम सेक्टर में भारत की रेटिंग में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि उन 122 ठेकों के आधार पर कंपनियों ने बैंकों से जो पैसा लिया था वह भी डूब रहा है, हजारों लोगों के रोजगार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसी लिये केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध पुनरीक्षण याचिका डाली है। इसे स्वीकार कर लिया गया है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ इसकी सुनवाई करेगी।
उन्होंने कहा कि इसका मतलब घोटाले के दोषियों को बचाना नहीं हैं, परंतु अन्य पहलुओं पर भी विचार किया जाना चाहिये। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि कानून सख्त नहीं हैं। धारा 409 में उम्र कैद का प्राविधान है। यदि फांसी की सजा होती तो जाने कितनों को फांसी हो चुकी होती। बंगारू लक्ष्मण को भी फांसी हो चुकी होती।