फर्रुखाबाद: शहर कोतवाली के इंस्पेक्टर के कमरे में अचानक एक अपरिचित व्यक्ति के घुसने से कोतवाल का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। पहुचे भी क्यूँ न कम से कम किसी के बेडरूम में तो बिना दस्तक के घुसना नहीं चाहिए| और वो भी किसी पुलिसवाले के| आ बैल मुझे मार वाली कहावत खुद चरितार्थ कर दी जब युवक ने तो फिर वही होना था जिसका अंदेशा था| शुक्र तो इतना रहा कि किसी की प्राइवेसी में दखल देने के जुर्म में जनाब हवालात में मच्छरों के हवाले नहीं किये गए, अलबत्ता तपती दोपहरी में कुछ कोतवाली में मनोरंजन जरुर हो गया|
दोपहर बाद कोतवाली में एक दम सन्नाटा, सभी पुलिसकर्मी अपने-अपने काम से लगे हुए, कोतवाल कहीं से वापस आये थे और गाड़ी खड़ी कर अपने सरकारी आवास में फ्रेश होने के लिए पहुंच गये। कोतवाल साहब को गये हुए अभी पांच मिनट ही हो पाये थे तभी एक व्यक्ति कोतवाली में आया और एक पुलिसकर्मी से पूछा कालूराम दरोगा कहां है। जिस पर पुलिसकर्मी ने उस व्यक्ति को समझाते हुए कहा कि कालूराम दरोगा नहीं वल्कि शहर कोतवाली के इंस्पेक्टर हैं जानता नहीं है मूर्ख। अगर उन्होंने सुन लिया तो तेरी खटिया खड़ी हो जायेगी। जिस पर उस व्यक्ति ने दोबारा पुलिसकर्मी से पूछा कि अरे भाई यह तो बताओ कि कोतवाल साहब हैं कहां। जिस पर पुलिसकर्मी ने उसे उनके कमरे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि कोतवाल साहब वहां हैं और पुलिसकर्मी अपने काम में पुनः लग गया। अचानक उसको क्या सूझी कि वह व्यक्ति कोतवाल के कमरे में जा पहुंचा और न जाने उसने कोतवाल के कमरे ऐसा क्या देख लिया कि अंदर से कोतवाल के गाली देने की आवाजें आने लगीं।
इस पर पुलिसकर्मी हरकत में आये तो कोतवाल बोले कि आवाज देकर नहीं आ सकते थे और इसको यहां आने किसने दिया। जिस पर वह व्यक्ति बोला साहब कई बार आप टरका चुके हो अब तो पुराना बकाया दे दो। इस पर कोतवाल फिर भड़क गये और कहा कि इसको बाहर निकालो। उधर पुलिसकर्मी व अन्य जो लोग वहां यह तमाशा देख रहे थे उनके मुहं से हंसी निकल पड़ी और कोतवाल के सामने वफादारी दिखाते हुए बोले अबे तुझे कोतवाल के कमरे में जाने को किसने कहा था, जाना था तो पूछ कर जाते। फिलहाल यह बात तो वह व्यक्ति ही जानता है कि उसने कमरे में क्या देखा……………………
बताया गया है कि व्यक्ति किसी बिल भुगतान के लिए गया था।