एक वर्ष बाद अविश्र्वास प्रस्ताव लाने की व्यवस्था को हरी झंडी: बसपाई जिला पंचायत अध्यक्षों पर लटकी तलवार

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बसपाई जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों को हटाने का रास्ता साफ हो गया है। पंचायतों के गठन का जहां एक वर्ष हो गया है, वहीं उनके खिलाफ एक वर्ष बाद अविश्र्वास प्रस्ताव लाए जाने की पुरानी व्यवस्था को सरकार ने हरी झंडी दे दी है। मायावती सरकार ने संशोधन विधेयक के जरिए अविश्र्वास प्रस्ताव की मियाद एक वर्ष से दो वर्ष किया था पर विधेयक को राज्यपाल की अनुमति नहीं मिल सकी थी। अब अखिलेश सरकार ने उस संशोधन विधेयक को वापस लेने का निर्णय किया है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में उप्र क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत संशोधन विधेयक 2011 को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इससे क्षेत्र पंचायत प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्षों को अविश्र्वास प्रस्ताव के जरिए एक वर्ष बाद हटाया जा सकता है। मायावती सरकार ने संशोधन विधेयक लाकर इसकी अवधि दो वर्ष की थी। विधानमंडल के दोनों सदनों से पारित होने के बाद इस संशोधन विधेयक को गत वर्ष 19 अगस्त को राज्यपाल को भेजा गया था, जिस पर अभी तक मंजूरी नहीं मिली थी। प्रस्ताव के कहा गया है कि विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार को जनादेश प्राप्त हो गया है। क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायतों के गठन को भी एक वर्ष हो गया है। कई क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों में अध्यक्षों के खिलाफ अविश्र्वास प्रस्ताव की नोटिस प्राप्त होने की सूचनाएं मिल रही हैं। ऐसे में संशोधन विधेयक को वापस लेकर पुरानी व्यवस्था ही बनाये रखना उचित है।