कायमगंज (फर्रुखाबाद) : यों तो कायमगंज में दूध 20से 22 रूपये लीटर आम तौर से जगह जगह बिकता नजर आता है। लेकिन सफैद रंग का यह दिखता हुआ तरल पदार्थ कितना दूध है और कितना जहर इसका पता तो जांच के बाद ही चल सकता है। लेकिन जिन पर आम आदमी के स्वास्थ्य की देख रेख का भार है उनकी ऑखों पर चड़ा मायवी चश्मा उन्हे इस ओर देखने ही नही देता क्योकि जब जेब भरती है तो जुबान बंद हो जाती है।
इस समय बाजार में रसायनिक दूध की भरमार है इस दूध का रंग तो सफेद दूध जैसा ही नजर आता है लेकिन स्वाद में अंतर चखने पर ही मालूम पड़ जाता है। बाजार में ऐसे दूध की ब्रिक्री धड़ल्ले से चल रही है कौडियों में तैयार रसायनिक दूध से मोटी कमायी करने वालो को इस की तनिक भी परवाह नही कि वे लोगों की जान से जान बूझ कर खिलवाड कर रहे है। अपराधियों के भय मुक्त होने के इस दौर में दूधियों का भय मुक्त होना कोई आश्चर्य की बात नही है। रहस्मय बात है प्राइवेट डेरी पर यह रसायनिक दूध दस से बारह रूपये दूध थोक में मिल जाता है। चर्चाओं में इस दूध की ब्रिक्री के पीछे खाद्यय निरीक्षक की अंनदेखी मानी जा रही है। कुछ भी हो इस दूध के सेवन से अंजाने में सैकडों लोग तरह तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे है। अबोध बालक जिनका भोजन और जीवन का आधार ही दूध है। इस जहरीले दूध को पीकर आये दिन तरह तरह की बीमारियों के शिकार बनते रहते है।