गुजरात विधान सभा में बीजेपी के दो विधायक पर अश्लील फोटोग्राफ देखने का आरोप है। बीजेपी के महामंत्री व विधायक शंकर चौधरी और विधायक जेठा बरवाड पर अश्लील फोटोग्राफ देखने का आरोप लगा है। वहीं, मामले के प्रकाश में आने के बाद विपक्ष ने आज विधानसभा में हंगामा किया। विपक्ष दोनों विधायकों की इस्तीफे की मांग कर रहा है। वहीं, जिन विधायकों पर आरोप लगा है वो इससे इनकार कर रहे हैं।
आरोप है कि अपने टैबलेट पर बीजेपी विधायक अश्लील फोटोग्राफ देख रहे थे। गुजरात बीजेपी के महामंत्री, विधायक शंकर चौधरी और विधायक जेठा बरवाड पर आरोप है कि ये लोग सदन की कार्रवाई के दौरान अश्लील फोटो देख रहे थे और इनकी ये कारस्तानी प्रेस गैलरी में बैठे पत्रकार देख रहे थे।
बीजेपी विधायक शंकर चौधरी ने विधानसभा में पॉर्न वीडियो क्लिप देखने से इनकार किया है। उन्होंने मीडिया को बताया कि ये उनके खिलाफ साजिश है। उन्होंने कहा कि अगर कोई क्लिप है तो दिखाया जाए। उन्होंने अध्यक्ष से शिकायत की बात को भी गलत बताया।
पत्रकार जनक पुरोहित का कहना है कि उन्होंने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में जाकर उनके पीए को इस बात के बारे में बताया और कहा कि इसकी जानकारी वो विधानसभा स्पीकर को दे दें। इस पर पीए ने अध्यक्ष को इसकी सूचना दी।
कांग्रेस नेता अर्जुन मोड़वाडिया का कहना है कि इस पॉर्न कांड की जांच के लिए विधानसभा को एक जांच कमेटी बनानी चाहिए। उन्होने इसे शर्मनाक बताया। वहीं, बीजेपी नेता तरुण विजय का इस मामले पर कहना है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को विधायकों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
उधर कर्नाटक विधानसभा में पॉर्न क्लिप देखने के मामले की जांच करने वाली समिति का कहना है कि विधानसभा में तीन नहीं बल्कि 8 से 10 विधायकों ने पॉर्न क्लिप देखी थी। समिति के अध्यक्ष श्रीशेलप्पा बिदरूर का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद पता चला कि 8 से10 विधायक पॉर्न क्लिप देख रहे थे। समिति के सदस्य नेहरू ओलकर ने भी इसकी पुष्टि की है। ओलकर ने पहले भी यह बात कही थी।
ओलकर ने कहा था कि विपक्षी दलों के सदस्यों ने भी पॉर्न क्लिप देखी थी। इस पर काफी हंगामा हुआ था। गौरतलब है कि भाजपा के तीन मंत्री विधानसभा में पॉर्न क्लिप देखते हुए पकड़े गए थे। मामले की जांच के लिए विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपय्या ने सात सदस्यीय समिति का गठन किया था। इसमें भाजपा के चार भाजपा,दो कांग्रेस और एक जेडीएस का सदस्य शामिल है।
समिति के अध्यक्ष बिदरूर ने कहा कि भाजपा के मंत्रियों के अलावा जिन सदस्यों ने पॉर्न क्लिप देखी थी उनको खिलाफ नोटिस जारी नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जांच सिर्फ तीन मंत्रियों के खिलाफ ही की जाएगी। किसी अन्य दल के विधायकों के खिलाफ जांच नहीं की जाएगी। बिदरूर ने कहा कि समिति 20 मार्च तक अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपय्या को सौंप देगी। समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष कार्रवाई के संबंध में अंतिम फैसला लेंगे। समिति ने गुरूवार को कानूनी पहलुओं के बारे में जानकारी के लिए कानून विभाग के दो वरिष्ठ अधिकायिों से विचार विमर्श किया।