बीस साल बाद मिला कैसा न्याय? टांग काटने की सजा में डॉ गुप्ता को 1 हजार जुर्माना

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फर्रुखाबाद: एक गलत टांग काटने की सजा में केवल 1 हजार जुर्माना और एक साल की जेल सुनकर संसारवती का कलेजा मुह को आ गया| बीस साल बाद मिले न्याय को सुन संसारवती की आंखे नम हो आई, गला रुंध गया और फिर फोन पर कुछ और न बोल सकी केवल इसके सिवाय- डॉक्टर कहता था सबको खरीद लेगा, वही हो गया शायद? संसारवती तब 8 साल की थी जब उसकी गलत टांग डॉक्टर ने नशे में काट दी थी| बूढ़ा बाप ओमप्रकाश बेटी को खबर देते देते रो पड़ा और न्यायालय से बाहर निकलते निकलते सड़क पर आकर लड़खड़ा कर गिर गया|

शमसाबाद ब्लाक के कटिया ख्वाजा अहमदगंज गाँव की संसारवती 28 की हो गयी है उसकी दोनों टाँगे नहीं है| एक में बचपन से पोलियो था जिसका इलाज कराने के लिए डॉ एस के गुप्ता (हड्डी रोग) के पास गया था| आरोप है कि डॉक्टर ने तब 250 रुपये की मांग की थी जिसे वो न दे सका| आपरेशन थियेटर से जब उसकी 8 साल बेटी बाहर निकली तो उसकी उस टांग का आपरेशन हो चूका था जो बिलकुल ठीक थी| हालत ये हो गयी कि जिस टांग का आपरेशन हुआ था उसमे इन्फेक्शन हो गया और अन्तोगत्वा डॉक्टर को दूसरी टांग कटनी पड़ी तब जाकर संसारवती की जान बची| संसार वती का पिता ओमप्रकाश इसकी शिकायत लेकर डॉक्टर गुप्ता के पास गया तो डॉक्टर ने उसे धमकाया| इस मामले की शिकायत ओमप्रकाश ने तत्कालीन एसएसपी बी एस सिद्धू से की तो डॉक्टर के खिलाफ 1992 में फतेहगढ़ कोतवाली में धारा 326/506 आई पी सी और अभिलेखों में धोखाधड़ी का मुकदमा धारा 7/13 में दर्ज किया गया| बीस साल मुकदमा चला, तारीख करते करते ओमप्रकाश के हजारो रुपये फुक गए| दो दो एसएसपी एस एन सिंह और रतन कुमार श्रीवास्तव के बयां हुए और जब फैसला हुआ तो डॉक्टर को सजा मिली 1 साल की जेल और 1 हजार जुर्माना|

ओमप्रकाश के अनुसार केश सरकार बनाम डॉ एस के गुप्ता है लिहाजा सरकार को मामले को उच्च न्यायालय तक ले जाना चाहिए| उसके अनुसार उसे 1 हजार रुपये का इंतजाम करने को कहा गया है मामला उच्च न्यायालय तक पहुचाने के लिए| हद्द हो गयी……