ताबड़तोड़ फैसलों ने अखिलेश की छवि को बनाया ‘सख्त’!

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उत्तरप्रदेश के भावी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सख्त प्रशासक की छवि पेश करने की कोशिश में हैं। उन्होंने सोमवार को विधानसभा चुनाव में सपा के खिलाफ काम करने वाले एक विधान परिषद सदस्य ख्वाजा हलीम और दो पूर्व विधायकों को पार्टी से निकाल दिया। दोनों पूर्व विधायक यादव हैं।

सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने सोमवार को यहां बताया कि अलीगढ़ से एमएलसी ख्वाजा हलीम, इटावा से पूर्व विधान परिषद सदस्य रामनरेश यादव और मैनपुरी से पूर्व विधायक मानिक चंद यादव ने चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम किया। लिहाजा उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया गया है। अनुशासनहीनता को लेकर रविवार को पार्टी सचिव व अखिलेश की कोर टीम के सदस्य के रूप में चर्चित राजीव राय को उनके पद से हटा दिया गया था।

इसके पहले अखिलेश ने विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद लखनऊ में लगे उन होर्डिंग्स को उतरवा दिया था जिनमें उनकी फोटो के साथ बधाई दी गई थी। विधानसभा चुनाव में सपा की शानदार जीत के बाद बधाई वाले होर्डिंग लगवाने वालों में कुछ चर्चित चेहरे शामिल थे।

एक विवादित व्यक्ति ने तो सपा कार्यालय के सामने विक्रमादित्य मार्ग पर अखिलेश के साथ अपनी फोटो के साथ कई स्वागत द्वार बना दिए। सड़कों के किनारे बिजली के खंभों पर तमाम होर्डिंग लगा दिए।

होर्डिंग लगाने वालों में कुछ ऐसे नाम थे जिनका सपा से कोई रिश्ता ही नहीं था, होर्डिंग लगवाकर वे खुद को सपा और अखिलेश यादव के करीबी जताना चाह रहे थे। होर्डिंग के खेल की जानकारी अखिलेश तक पहुंची तो उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को तत्काल उन्हें हटाने के लिए कहा।