लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में करारी हार के बाद हार की समीक्षा करते हुए बसपा नेताओं ने महसूस किया कि उनसे कुछ गलतियां हुईं। बैठक में तय किया गया कि पुरानी गलतियों को दरकिनार करते हुए पार्टी नेता व कार्यकर्ता अब 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी करें। बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी विधान मण्डल दल का नेता चुना गया है।
बसपा अध्यक्ष मायावती की मौजूदगी में मौर्य का चुनाव सर्वसम्मति से किया गया। इनके साथ ही नसीमुद्दीन सिद्दीकी को विधान परिषद में पार्टी का नेता बनाया गया। वहीं विधान परिषद में सुनील चित्तौड़ को बसपा का मुख्य सचेतक तथा गोपाल नारायण मिश्रा को विधान परिषद में उप नेता चुना गया है। पार्टी नेताओं की बुलायी गयी बैठक में मायावती ने कहा कि अभी से ही 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए जुट जाना है।
उन्होंने सदस्याओं को प्रत्साहित करते हुए कहा कि उन्हें विधानसभा चुनाव में हार से हतोत्साहित होने की आवश्यकता नहीं है। सभी सदस्य भविष्य पर नजर रखें और क्षेत्रों में जाकर अभी से लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं। उन्होंने कहा कि पार्टी में उत्साह बनाये रखना है और हार से सबक लेकर कमियों को दूर करना है।
मायावती ने कहा कि पार्टी की ओर से पूर्व में गलतियां की गयी हैं उन्हें दोहराना नहीं है ताकि लोकसभा चुनाव में पार्टी बेहतरीन प्रदर्शन कर सके। उन्होंने कहा कि सर्वसमाज ने उन्हें समर्थन दिया है लेकिन दलितों ने उनकी पार्टी को पूरी ताकत से जिताने की कोशिश की। अब सर्वसमाज को कैडर के जरिए दलितों की ही तरह तैयार किया जाएगा, ताकि लोकसभा चुनाव में सर्वसमाज दलितों की ही तरह बसपा के साथ मजबूती से जुड़ सके। 12 मार्च को पार्टी के नये विधायकों की बैठक होगी।