इस बार मार्च तक ठंड का सामना करना पड़ेगा

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 पृथ्वी पर मौसम परिवर्तन का असर स्पष्ट दिखने लगा है। फरवरी के मध्य में मुंबई में ठंड सुनकर ही आश्चर्य होता है। यूरोप, मुंबई सहित पूरा उत्तर भारत शीतलहर की चपेट में है। वैसे मौसम विभाग ने पहले ही भविष्यवाणी कर दी है कि इस बार मार्च तक ठंड का सामना करना पड़ेगा।

मुंबई में जहां दिसंबर-जनवरी में लोग हाफ शर्ट पहनकर समंदर के किनारे टहला करते थे। इस बार तो ठंड का कहर ऐसा बरपा कि मुंबईवासी पिछले दो दिनों से शीत लहर महसूस कर रहे हैं। स्वेटर और जर्सियां निकल आई हैं। वाचमैनों द्वारा रात काटने के लिए जलाए गए अलावों के पास साहब लोग भी हाथ फैलाकर सिसकारी भरते दिखाई दे रहे हैं। मुंबई में पारा 8.8 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। मुंबई के लिए यह असामान्य कहा जा सकता है।

उधर, उत्तार भारत के पर्वतीय हिस्सों में बर्फबारी व बारिश का असर क्षेत्र के मैदानी हिस्सों में देखने को मिला। पंजाब, उत्तार प्रदेश, राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तार भारत के अधिकांश हिस्सों में ठंडी हवाओं का दौर जारी रहेगा।

यूरोप और जापान व चीन सहित एशिया के कई देशों में कड़ाके की ठंड और बर्फबारी हो रही है। इन देशों में सैकड़ों लोग ठंड की वजह से मारे गए हैं। ठंड के कहर से अब तक यहां कम से कम 460 लोगों की मौत हो गई है। यूरोप में जलमार्ग के रूप में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली डैन्यूब नदी भी जम गई है। 10 देशों से बहने वाली यह नदी परिवहन, ऊर्जा, सिंचाई, उद्योग आदि के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। अब ठंड में यह ऑस्ट्रिया से लेकर अपने उद्गम ब्लैक सी तक पूरी या आंशिक रूप से जम गई है।

सर्बिया, क्रोशिया, बुल्गारिया, रोमानिया, हंगरी और ऑस्ट्रिया जैसे देशों में इस नदी पर बर्फ की चादर जम गई है, जिससे परिवहन बाधित हो चुका है। सर्बिया के वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि आर्थिक रूप से इसके परिणाम बहुत भयानक हो सकते हैं। पिछले कई दिनों से बुल्गारिया के 224 जहाज बंदरगाहों पर अटके हुए हैं और क्रोशिया में यूक्रेन के बचाचकर्ता राहत कार्य के लिए पहुंच गए हैं। बुल्गारिया में तापमान शून्य से 28.6 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच गया है।