फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी पाने वालों पर नकेल लगाने के लिए शासन ने कमर कस ली है। प्रमाण पत्रों की जांच में जोर जुगाड़ कर बच निकलना अब आसान नहीं होगा। शासन ने प्रदेश के सभी छात्रों का ब्योरा वेबसाइट पर डालने का निर्देश समस्त विश्वविद्यालयों को दिया है। नियुक्तियों के समय अभ्यर्थियों के अंकपत्र व प्रमाणपत्रों का सत्यापन आसानी से कराया जा सकेगा। सारा डाटा वेबसाइट पर होने से पारदर्शिता रहेगी और गड़बड़ी की संभावना पर विराम लग जाएगा। सचिव उच्च शिक्षा अवनीश अवस्थी की ओर से बीती 12 जनवरी को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को पत्र जारी करके इस बाबत निर्देशित किया गया है। पत्र में स्पष्ट है कि जिन छात्र-छात्राओं की परीक्षा विवि द्वारा ली जाती है और प्रमाणपत्र एवं अंकपत्र दिए जाते हैं, उनका परीक्षा संबंधी सम्पूर्ण विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाए। विद्यार्थियों मूल पता, जन्मतिथि, परीक्षा का वर्ष, परीक्षा केंद्र, श्रेणी, पूर्णाक, प्राप्तांक व अन्य विवरण इसमें शामिल हो।
नौकरी के लिए यदि विद्यार्थी कोई आवेदन करता है तो संबंधित विभाग द्वारा वेबसाइट के आधार पर उनके प्रमाण पत्रों की सत्यता की जांच कराई जा सकती है। नियुक्तियों के समय अभ्यर्थियों के अंकपत्र एवं प्रमाण पत्रों का सत्यापन भी शीघ्र हो सकेगा।