बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने लखनऊ में अपने जन्म दिन पर उत्तर प्रदेश की सोलहवी विधान सभा के आम चुनाव के लिए अपनी पार्टी के 403 प्रत्याशियो की सूची जारी की| मायावती ने कहा की वे टुकड़ो में सूची जारी नहीं करती, एक बार में ही करती है| मायावती ने 74 ब्रह्मण, 33 ठाकुर, 85 मुसलमान, 88 एससी, ओबीसी को चुनाव मैदान में उतारा है|
मायावती ने खुद की मूर्ति और पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी को ढकने के निर्वाचन आयोग के आदेश को संविधान का उल्लंघन बताते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त को भेजे पत्र में इस पर फिर से विचार करने के लिए कहा है।
पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त वाईएस कुरैशी को भेजे पत्र में कहा कि मायावती जी की मूर्ति और पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी को ढकने के आयोग का आदेश संविधान के अनुच्छेद-14 के नैसर्गिक न्याय का खुला उल्लंघन है। आयोग के इस एकतरफा निर्णय से दलित और पिछडे़ ठगा महसूस कर रहे हैं और इसे भेदभाव पूर्ण मानते हैं। इस आदेश से निर्वाचन आयोग के निष्पक्ष चुनाव कराने पर भी सवालिया निशान लग गया है।
मिश्र ने कहा कि आयोग के इस आदेश के विरोध में पार्टी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरना चाहते हैं लेकिन मायावती जी ने उन्हें रोका है। संविधान के अनुच्छेद-14 में समानता का अवसर देने का प्रावधान है लिहाजा अन्य दलों के नेताओं की सार्वजनिक स्थानों पर सरकारी खर्च से बनी मूर्तियों पर भी इसे लागू किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय लोकदल का चुनाव चिन्ह हैंडपंप हर गांव में सरकारी खर्च पर ही लगा है। आयोग को इस पर भी आपत्ति करनी चाहिए।
आयोग का आदेश न केवल एकपक्षीय है बल्कि विधानसभा चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराने की पतिबद्धता पर भी सवाल खडे़ करता है। बसपा शांतिपूर्ण चुनाव में हरसंभव सहयोग करेगी और आयोग के आदेश का पालन किया जाएगा। मिश्र ने कहा कि निर्वाचन आयोग अपने आदेश पर फिर से विचार करे ताकि बसपा और उसके प्रत्याशियों को समान अवसर मिल सके।