टीईटी रैकेट: कानपूर देहात (रमाबाईनगर) में दो शिक्षक सहित चार को पुलिस ने दबोचा

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जिला पुलिस और एसटीएफ ने टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) में पास कराने का ठेका लेने वाले रैकेट के फरार दो शिक्षकों सहित चार को पकड़ा है। इनके कब्जे से एक कार और 35 हजार रुपये बरामद हुए हैं। इनकी निशानदेही पर पुलिस अब शिक्षा विभाग के एक अफसर पर कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है। एसपी सुभाषचंद्र दुबे ने बताया कि गिरफ्तार दोनों शिक्षक मनीष और माधव पर ढाई-ढाई हजार का इनाम घोषित किया गया था।

रमाबाईनगर पुलिस ने 31 दिसंबर को अकबरपुर क्षेत्र में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से 87 लाख नगद बरामद हुए थे। यह रुपये आगरा सहित आसपास के जिलों के 50 से अधिक अभ्यर्थियों से टीईटी परीक्षा में पास कराने के लिए वसूले गए थे। गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया था कि वे इन रुपयों को लखनऊ में बैठे मनीष उर्फ मोहन चतुर्वेदी व माधवेंद्र उर्फ माधव सिंह को देने जा रहे थे।

अपर पुलिस अधीक्षक राकेश शंकर और सीओ सदर सुभाषचंद्र शाक्य ने बताया कि एसटीएफ के साथ रमाबाई नगर पुलिस ने कानपुर-औरैया हाइवे पर रायपुर कस्बे के निकट एक कार को रोका। कार में बैठे मनीष चतुर्वेदी पुत्र सुरेंद्र नारायण चतुर्वेदी निवासी इटावा (औरैया के कमारा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक), माधवेंद्र सिंह उर्फ माधव पुत्र स्व. सत्य प्रकाश सिंह चौहान निवसी आगरा (बंदायू में प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक), हेमंत कुमार शाक्य पुत्र राधे श्याम निवासी रेलवे रोड, मैनपुरी (ठेकेदार जल निगम) और योगेश कुमार पुत्र तेज सिंह निवासी फिरोजाबाद गिरफ्तार किया। इनके पास से 35 हजार रुपए भी बरामद हुए। अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि टीईटी अभ्यर्थियों में प्रत्येक से दो से ढाई लाख वसूले गए थे। परीक्षा में पास कराने की जिम्मेदारी जिस अधिकारी ने ली थी, उसने प्रत्येक अभ्यर्थी से सवा लाख रुपये की मांग की थी। प्रत्येक अभ्यर्थी पर पांच हजार रुपये कमीशन मिलना था। पुलिस ने लखनऊ और यूपी बोर्ड से कुछ लोगों के नाम तो उजागर नहीं किए, पर इतना जरूर बताया गया कि इस रैकेट में शिक्षा विभाग का एक बड़ा अधिकारी शामिल है। जिसको पहले ही पचास लाख रुपये की खेप पहुंचाई जा चुकी है।