अब मोबाइल नंबर की तरह बैंक एकाउंट पोर्टेबिलिटी की तैयारी

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मोबाइल और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के मामलें में पोर्टेबिलिटी लागू किये जाने के बाद अब सरकार बचत खाता रखने वाले ग्राहकों को बैंक बदलने की सुविधा देने पर विचार कर रही है।

 

ग्राहकों के साथ बैंको की मनमानी व ग्राहकों द्वारा अपना बैंक खाता संख्या न बदलपाने की विवषता के चलते अब सरकार ग्राहकों को बिना खाता संख्या बदले अपना बैंक बदलने की सुविधा देने जा रही है। इस बैंक पोर्टिबिलिटी योजना के तहत बिना खाता संख्या बदले ग्राहक अपना बैंक बदल सकेंगे। यह सुविधा कब शुरू होगी इसका समय अभी तय नहीं हुआ है। वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा सचिव डीके मित्तल के अनुसार सरकार इसे लागू करना चाहती है, लेकिन अभी कुछ तकनीकी दिक्कतें इसके रास्ते में आ रही हैं। इन्हें दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसा होते ही बैंक ग्राहकों के लिए खाता संख्या पोर्टेबिलिटी की सेवा शुरू की जाएगी। मित्तल वित्त मंत्रालय में हुई एक बैठक के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। बैंकिंग पोर्टेबिलिटी शुरू करने के लिए बैंकों को पहचान कोड, अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) और कोर बैंकिंग सोल्यूशंस का पूरी तरह पालन करना होगा। मित्तल ने बताया कि ऐसा होने के बाद ग्राहकों के लिए खाता बदलना आसान होगा, क्योंकि उन्हें फिर से केवाईसी नियमों के तहत अपनी पहचान संबंधी जानकारी नहीं देनी होगी। बैंकों को स्वतंत्र बनाने के तहत रिजर्व बैंक ने पिछले साल अक्टूबर में बचत खाते पर ब्याज दर तय करने का अधिकार उन्हें सौंप दिया था। इसके बाद कुछ निजी बैंकों ने तो ब्याज दर सात प्रतिशत तक बढ़ा दी है।