कायमगंज (फर्रुखाबाद): आशा बहुओं की लापरवाही से अस्पताल गेट पर प्रसव होना अब आम बात हो गई है। आशा बहुओं की लापरवाही का ही नतीजा रहा कि मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के गेट पर एक बार फिर किलकारी फूटी। नवजात के रोने की आवाज सुनकर पहुंचे स्वास्थ्य कर्मियों ने उसे आनन फानन में भर्ती किया। करीब आधा घंटे के उपचार के बाद प्रसूता व उसके बच्चे को कड़ाके की सचे स्वास्थ्य कर्मियों ने उसे आनन फानन में भर्ती किया।
सरकार की तमाम लाभकारी योजनाओं का यहां खुला मजाक हो रहा है। जननी सुरक्षा योजना का आलम तो यह है कि यहां की आशा बहुएं घर बैठे ही गर्भवती महिलाओं की सूची बना लेती हैं और उनके प्रसव का समय होने के दौरान उनके घर की दस्तक देनी शुरू कर देती हैं। इसी का नतीजा है कि यहां आये दिन रास्ते और अस्पताल गेट पर प्रसव होने की घटनाएं होती रहती हैं। मंगलवार को भी यहां आशा बहुओं की लापरवाही की एक और जीती जागती मिशाल उस समय नजर आई जब कंपिल थाना क्षेत्र के गांव त्योरखास के मजरा लुखड़ापुर की अनीता ने अस्पताल गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
ग्रीश चन्द्र की पत्नी अनीता को सुबह अचानक प्रसव पीड़ा हुई। परिवार वाले उसे ट्रैक्टर पर बैठा कर आनन फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे। जब तक अस्पताल कर्मी और उसके परिजन कुछ समझ पाते तब तक अनीता ने गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। चीख पुकार व शोर शराबा सुनकर अस्पताल में मौजूद महिला स्वास्थ्य कर्मी प्रसूता की ओर दौड़े और नवजात व उसकी प्रसूता मां को आनन फानन में अस्पताल में भर्ती कर लिया। आधा घंटे तक चले उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया गया।