मोहम्मदाबाद सिपाही हत्याकाण्ड में दो गिरफ्तार

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फर्रुखाबाद: कोतवाली मोहम्मदाबाद की पखना चौकी के सिपाही रामबीर की १७ दिसंबर को हुई हत्या के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ की जा रही है।

कोतवाली मोहम्मदाबाद के अंतर्गत पखना चौकी के इंचार्ज उपनिरीक्षक बनी सिंह १७ दिसम्बर शनिवार को सांयकाल हमराह सिपाही रामवीर के साथ अपनी मोटर साइकिल पर गश्त के लिये निकले थे। कटिन्ना व बिहार गांव के बीच सुनसान स्थान पर रास्ते के किनारे खड़ी पतेल में पहले से घात लगाये बैठे बदमाशों ने मोटर साइकिल करीब आने पर अचानक फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में बनी सिंह व रामवीर दोनों घायल होकर गिर पड़े। बदमाश चौकी इंचार्ज बनी सिंह की सर्विस रिवाल्वर व मोबाइल छीन कर मौके से फरार हो गये थे।

सिपाही के हत्या के आरोपी सुशील उर्फ पिंटू उर्फ सेन्टर यादव पुत्र रामनरेश सिंह यादव निवासी चंदुउली बेबर मैनपुरी , सुनील पुत्र जगदीश यादव निवासी नगला धनी, छिबरामऊ को कल एसओजी टीम ने दबोच लिया। पुलिस के अनुसार दोनो आरोपी धीरपुर चौराहे से हीरोहाण्डा ग्लेमर बाइक संख्या यूपी 78बीएन 3846 पर सवार होकर जा रहे थे। जहां एसओजी ने दोनो को धर दबोचा। गिरफ्तार किये गये आरोपियों के पास से 315 बोर का तमंचा, चार कारतूस एक देशी पिस्टल बरामद की है।

 

अभियुक्त सुशील ने बताया कि सुनील उसके मामा का लड़का है। एसओजी ने पहले सुनील को फोन करके मोहम्मदाबाद बुलाया और कहा कि उसका ईनाम में मोबाइल निकला है। मिली जानकारी के अनुसार दोनो के नम्बर सर्विलास पर पहले ही लगे थे। जहां पुलिस ने सुनील को उठा लिया व सुनील से सुशील को फोन करके यह कहलवाया कि मोबाइल लेने के लिए पहचान पत्र आदि देना पड़ेगा। पहचान पत्र मंगवाने के लिए सुशील को बुलवाया। जहां पुलिस ने काली नदी के पास मदनपुर पुल के निकट सुशील को भी धर दबोचा। तकरीबन साढ़े 9 बजे पुलिस दोनो अभियुक्तों को थाना मोहम्मदाबाद लेकर आयी। जहां उससे पूछताछ की गयी।
पूछताछ के बाद सुनील ने बताया कि मुख्य आरोपी गोरेलाल, जयचंद,  व नंदराम अभी भी फरार हैं। मुझे जयचंद्र ने कहीं चलने के लिए बुलाया था। हम चार लोग थे। एक 315 बोर का तमंचा था। लूट के इरादे से यह लोग सड़क के किनारे खड़े थे। तभी अचानक पुलिस के आ जाने से यह लोग हड़बड़ा गये। तमंचे से फायर कर दिया। घटना के बाद अभियुक्त फरार हो गये थे। पोस्टमार्टम के बाद मृतक सिपाही रामबीर की बॉडी से 315 बोर का बुलेट निकला था।

मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर
एसओजी प्रभारी डीके सिसोदिया ने बताया कि मुख्य आरोपी नंदराम,गोरे लाल व जयचंन्द्र बेवर क्षेत्र के ही निवासी हैं। एसओजी शेष आरोपियों को पकड़ने में लगी है। सुशीन ने बताया कि जयचंद्र से उसके पुराने सम्बन्ध थे। वह अक्सर मेरे यहां आया-जाया करता था व इंटर की परीक्षा अमर शहीद इंटर कालेज बेबर में साथ-साथ दी थी। जिससे उसकी पुरानी जान पहचान थी। पकड़े गये अभियुक्त सुशील ने दरोगा बनी सिंह की सर्विस रिवाल्वर व छीने गये 25 हजार रुपये मुख्य आरोपी जयचंद के के पास होने की बात कही है।

पकड़ी गयी बाइक अभियुक्त के भाई के दहेज की


पुलिस द्वारा पकड़ी गयी हीरोहाण्डा ग्लेमर मोटरसाइकिल आरोपी सुनील के भाई पुनीत यादव की है, जो उसे शादी में दहेज मिली थी। मोटरसाइकिल पुनीत की पत्नी प्रीती यादव के नाम है। प्रीती का मायका उत्तरीपुरा कानपुर में है।