खबर का असर: आचार संहिता के बाद जारी प्रोन्नति संशोधन निरस्त, बीएसए के विरुद्ध डीओ

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फर्रुखाबाद: चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा डिस्पैच रजिस्टर में कटिंग/ओवर राइटिंग कर बैक डेट में जारी किये गये आधा सैकड़ा शिक्षकों की प्रोन्नति संशोधन आदेश मुख्य विकास अधिकारी ने निरस्त कर दिये हैं। उन्होंने बताया कि आचार संहिता का जानबूझ कर उल्लंघन किये जाने के मामले में बीएसए के विरुद्ध आयोग को डीओ भेजा जायेगा।

विदित है कि विगत माह बेसिक शिक्षा अधिकारी कौशल किशोर ने तीन सैकड़ा से अधिक शिक्षकों की पदोन्नति सूची जारी की थी। पदोन्नति सूची जारी किये जाने के समय भी बीएसए पर अंगुलियां उठायी गयी थीं। कुछ को मनमाफिक पोस्टिंग देदी तो कुछ को जान बूझ कर दूरस्थ विद्यालयों में फेंक दिया। जाहिर है कि  अनेक अध्यापक पदोन्नति संशोधन के लिये बीएसए कार्यालय के चक्कर काटने लगे थे। कुछ विभागीय दलाल भी सक्रिय थे। सूत्रों की मानें तो लाखो रुपये एकत्र हो चुके थे। अचानक निर्वाचन आयोग की ओर से आचार संहिता लागू कर दिये जाने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बैक डेट में लगभग आधा सैकड़ा शिक्षकों के पदोन्नति संशोधन आदेश सोमवार को बैक डेट (२४ दिसंबर की तिथि ) में जारी कर दिये। इस संबंध में JNI ने प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था।

बुधवार को जिलाधिकारी ने प्रकरण का संज्ञान लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी को प्रकरण की जांच के निर्देश दिये। सीडीओ चंद्र कांत पाण्डेय ने बीएसए कार्याल का डिस्पैच रजिस्टर देखा तो हकीकत उनके सामने आ गयी। श्री पाएडेय ने बताया कि डिस्पैच रजिस्टर में कटिंग/ओवर राइटिंग स्पष्ट रूप से नजर आ रही थी। उनहोंने बताया कि फिलहाल डिस्पैच रजिस्टर को साक्ष्य के तौर पर जब्त कर लिया गया है। बीएसए को पदोन्नति संशोधन आदेश तत्काल निरस्त करने के निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता का जानबूझकर उल्लंघन करने के मामले में बीएसए के विरुद्ध  निर्वाचन आयोग को डीओ भेजा जायेगा।

डीएम के सख्त रुख के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में हड़कंप की स्थिति है। शिक्षकों से पैसे वसूल चुके दलाल मुंह छिपाते फिर रहे हैं। कई बाबू तो लंबी छुट्टी पर जाने की तैयारी में हैं।