निजी बीटीसी कॉलेजों में फ्री और पेड सीट का झंझट खत्म किया जा रहा है। छात्र-छात्राओं से एक समान फीस ली जाएगी। यह फीस सभी अभ्यर्थियों से करीब 50 हजार रुपये होगी। फीस निर्धारण कमेटी की अध्यक्षता में इस पर सहमति बन गई है। निजी कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले सभी अभ्यर्थियों को नई फीस 50 हजार रुपये देनी होगी।
प्रदेश में पिछले वर्ष से निजी कॉलेजों में बीटीसी कोर्स शुरू करने की अनुमति दी गई है। प्रदेश में पिछले वर्ष 97 कॉलेजों को तथा इस वर्ष 46 कॉलेजों को संबद्धता दी गई है। प्रत्येक कॉलेज में 50-50 सीटें हैं। मौजूदा समय 143 कॉलेजों में 7150 सीटें हैं। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश पर पिछले वर्ष आनन-फानन में संबद्धता देने के साथ फीस निर्धारित की गई थी। शासन ने निजी बीटीसी कॉलेजों में 50 सीटों में आधी सीटें फ्री और आधी सीटें पेड रखी गईं थीं। फ्री सीट की फीस 22 हजार और पेड सीट की 44 हजार रुपये रखी थी। इसके बाद भी निजी कॉलेज प्रबंधन ने छात्रावास और मेस के नाम पर छात्रों से मनमानी फीस की वसूली की।
राज्य सरकार ने इस शोषण को रोकने के लिए सचिव बेसिक शिक्षा की अध्यक्षता में फीस निर्धारण कमेटी बनाई है। इसमें विशेष सचिव वित्त विभाग से नामित अधिकारी, विशेष सचिव खेलकूद, अपर निदेशक संस्थागत वित्त, चार्टर्ड अकाउंटेंट राजीव अग्रवाल, डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक्स लखनऊ विवि के प्रो. हर्ष मोहन, अब्दुल अजीज अंसारी डिग्री कॉलेज मजीडा शाहजगंज जौनपुर के प्रबंधक मिर्जा जफर बेग सदस्य तथा राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक सदस्य सचिव हैं। सचिव बेसिक शिक्षा ने अपने स्थान पर विशेष सचिव को अधिकृत कर रखा है। सूत्रों के अनुसार कमेटी ने कॉलेज खर्च के आधार पर फीस का निर्धारण किया है। प्रत्येक कॉलेज की एक ही फीस करीब 50 हजार रुपये निर्धारित की गई है। इसमें छात्रावास और मेस को इसमें शामिल नहीं किया गया है। अब कॉलेज प्रबंधन इसे अपने हिसाब से ले सकेगा।