छह वर्ष तक के बच्‍चे नहीं जाएगें स्‍कूल

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छह वर्ष की उम्र से पहले बच्चों की स्कूली शिक्षा शुरू नहीं होने की वकालत करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने पूरे देश में नर्सरी में दाखिले की उम्र में एकरूपता लाने के लिए संसद से पहल करने और राज्य सरकारों से सहयोग की अपील की। दिल्ली की सरकार ने इस सिफारिश को मान लिया।

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान गुथा सुखेन्द्र रेड्डी और अन्य सदस्यों के सवाल के जवाब में सिब्बल ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के तत्कालीन अध्यक्ष अशोक गांगुली ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में नर्सरी में दाखिले से जुड़े विषयों पर 31 मार्च 2007 को रिपोर्ट पेश कर दी थी।

उन्होंने कहा कि समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा था कि नर्सरी में दाखिले के लिए बच्चे को चार वर्ष की उम्र पूरा करना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि नर्सरी और प्राथमिक कक्षा में दाखिले की निगरानी राज्य सरकार की ओर से की जाती है। इसके कारण केंद्र इसमें दखल नहीं करती है। नर्सरी में बच्चों का दाखिला कराने में अभिभावकों को पेश आ रही परेशानी और निजी स्कूलों की ओर से इसे धन कमाने का माध्यम बनाये जाने पर सदस्यों की चिंताओं पर मंत्री ने कहा कि छोटे छोटे दो-तीन वर्ष के बच्चों पर स्कूली बस्ते का बोझ डालना गलत है।

इस विषय में दाखिले की प्रक्रिया में एकरूपता लाने के लिए सदस्य संसद में एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पास करें, तब मैं आगे बढूंगा। लेकिन तब राज्य इसमें बाधा नहीं डालें। सिब्बल ने कहा कि मेरा मानना है कि छह वर्ष से पहले बच्चों की स्कूली शिक्षा शुरू ही नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे पहले बच्चों के खेलने की उम्र होती है। कई राज्यों में यह उम्र पांच वर्ष है।