भारतीय सिनेमा के सदाबहार अभिनेता देवानंद का बीती रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। परिवारिक सूत्रों ने प्रेस को बताया कि पिछले कुछ दिनों से देवानंद का स्वास्थ्य ठीक नहीं था और वह यहां पर चिकित्सकीय जांच के लिए आए हुए थे। जब उन्होंने अंतिम सांस ली उस समय उनके पुत्र सुनील उनके पास थे।
अभिनेता के तौर पर देवानंद के करियर की शुरूआत वर्ष 1946 में हम एक हैं फिल्म से हुई थी। वर्ष 1947 में जिद्दी प्रदर्शित हुई और तब तक बालीवुड पर देवानंद की सफलता का परचम लहरा चुका था। जिद्दी के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सदाबहार अभिनेता देवानंद ने पेइंग गेस्ट, बाजी, ज्वैल थीफ़, सीआईडी, जानी मेरा नाम, अमीर गरीब, वारंट, हरे राम हरे कृष्ण और देस परदेस जैसी कई हिट फिल्में दी।
भारतीय सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान देने वाले देवानंद वर्ष 2001 में प्रतिष्ठित पद्म भूषण सम्मान से विभूषित किए गए और 2002 में उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्होंने वर्ष 1949 में अपनी प्रोडक्शन कंपनी नवकेतन इंटरनेशनल फिल्म की स्थापना की और 35 से ज्यादा फिल्मों का निर्माण किया।
उनकी फिल्म गाइड को सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक सहित पांच श्रेणियों में फिल्मफेयर पुरस्कार मिला और उस वर्ष आस्कर की विदेशी फिल्म की श्रेणी में भारत की तरफ से यह फिल्म भेजी गयी थी। देवानंद ने दो फिल्मफेयर पुरस्कार जीते। एक वर्ष 1958 में काला पानी के लिए और दूसरा 1966 में गाइड में अपने अभिनय के लिए।
उन्होंने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित पर्ल एस बक के साथ गाइड के अंग्रेजी संस्करण का द गुड अर्थ का सह निर्माण भी किया। वर्ष 1993 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और 1996 में स्क्रीन वीडियोकान लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। बाद में उन्होंने अमेरिकी फिल्म सांग आफ लाइफ का निर्देशन भी किया।