एफडीआई पर संसद में गतिरोध, खुदरा दुकानदारों का भारत बंद

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खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति केंद्र सरकार के गले की हड्डी बन गई है. इसके विरोध में विभिन्न व्यापारिक संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है.

व्यापारियों के इस बंद को कई राजनीतिक दलों से भी समर्थन मिल रहा है. बंद का समर्थन करने वाले दलों में भाजपा, सपा और लेफ्ट शामिल हैं.

एफडीआई के विरोध में एक ओर जहां विपक्ष व सत्ता पक्ष के घटकों ने बुधवार को भी संसद नहीं चलने दी, वहीं बृहस्पतिवार को विभिन्न व्यापारिक संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है. इस बंद को सरकार को बाहर से समर्थन कर रहे राजद ने भी अपना समर्थन दिया है. एकजुट विपक्ष के साथ ही संप्रग सरकार के घटक दल तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक ने इस विवादास्पद फैसले को वापस लिए जाने की मांग की.

गौरतलब है कि 22 नवम्बर से शुरू हुए संसद का शीतकालीन सत्र में पिछले चार दिन से एफडीआई मुद्दे पर तथा उससे पहले कई अन्य मुद्दों पर हंगामे के कारण दोनों सदनों में अभी तक कोई कार्य नहीं हो पाया है.

सत्ता पक्ष और विपक्षी नेताओं के बीच औपचारिक व पिछले दरवाजे से हो रही वार्ता के बावजूद कोई सफलता हाथ नहीं लगी. महंगाई, भ्रष्टाचार, काला धन, पृथक तेलंगाना राज्य के गठन तथा मुल्ला पेरियार बांध को लेकर भी संसद में भारी हंगामा रहा. विपक्ष पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि सरकार द्वारा मांगों को माने जाने तक वह संसद को नहीं चलने देगा.

विपक्ष की मांग है कि मल्टी ब्रांड खुदरा कारोबार में 51 फीसदी एफडीआई की अनुमति देने के फैसले को या तो सरकार वापस ले या इस विषय पर मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत उसके कार्य स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करे. बुधवार को तृणमूल कांग्रेस व द्रमुक सदस्यों द्वारा एफडीआई को लेकर प्रश्नकाल में किए गए भारी हंगामे पर कार्यवाही स्थगित होने के बाद दोपहर 12 बजे दोनों सदनों की बैठक दोबारा शुरू हुई.

लेकिन सदन में सुचारू व्यवस्था कायम नहीं होने के चलते दोनों सदनों की बैठक कुछ ही मिनट बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. लोकसभा में सत्तारूढ़ कांग्रेस के कुछ सदस्यों और तेदेपा सदस्यों को पृथक तेलंगाना राज्य के गठन को लेकर प्लेकार्ड लहराते देखा गया.

कई राज्यों में रहेगा बंद:
खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के विरोध में विभिन्न व्यापारिक संगठनों ने बृहस्पतिवार को भारत व्यापार बंद का आह्वान किया है. कं फे डरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स समेत देश भर के विभिन्न व्यापारी संगठन महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा समेत केंद्र शासित प्रदेशों में भी एक दिन का व्यापार बंद रखेंगे. साथ ही राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर पर व्यापारी एफडीआई के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे.

कंफेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि देश भर में व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बंद रखेंगे तथा विभिन्न राज्य के बाजारों में धरने और विरोध प्रदर्शन करेंगे. इस बीच, दिल्ली आयरन एंड हार्डवेयर मर्चेंट एसोसिएशन ने भी एफडीआई को लेकर केंद्र सरकार के एफडीआई निर्णय पर गहरी निराशा व्यक्त की है.