रिटेल में एफडीआई से होगा फायदा: मनमोहन सिंह

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नई दिल्‍ली। राजधानी में आयोजित युवा कांग्रेस के सम्‍मेलन ‘बुनियाद’ में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रिटेल के क्षेत्र 51 प्रतिशत एफडीआई पर कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसी जल्‍दबाजी में नहीं, बल्कि सोच समझ कर लिया है। इससे आम आदमी को रोजमर्रा की चीजें सस्‍ते दामों में मिलेंगी। छोटे रिटेलर और व्‍यापारियों का सवाल है, तो कई बड़े देशों में छोटे और बड़े रिटेलर साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हमने इसीलिए कुछ शर्तें भी रखी हैं, जिसके अंतर्गत विदेशी कंपनियां आने पर छोटे व्‍यापारियों को हानि नहीं पहुंचेगी। फिर भी अगर कोई राज्‍य चाहे तो अपने यहां एफडीआई को लागू नहीं करे। इसके लिए वो पूरी तरह स्‍वतंत्र हैं।

हमारा मानना है कि इससे फूड प्रोसेसिंग, स्‍टोरेज और सप्‍लाई चेन में क्रांति आयेगी। मैं आपसे अपील करूंगा कि जनता इस विषय को अच्‍छी तरह समझे और इसे स्‍वीकार करे। इससे महंगाई भी कम होगी। महंगाई से निपटने के लिए पहले ही भारत सरकार हर संभव प्रयास कर रहा है, लेकिन समस्‍या यह है कि खाद्य पदार्थों के उत्‍पादन और उपभोग में भारी अंतर होने की वजह से दाम बढ़ जाते हैं। कृषि उत्‍पादकता बढ़ाने के ठोस कदम उठाये जा रहे हैं। स्‍टोरेज और कोल्‍ड चेन के हालात में सुधार किये जा रहे हैं, ताकि अनाज सड़े नहीं। हमें उम्‍मीद है कि इन कदमों से देश में जल्‍द ही महंगाई कम होगी।

इससे पहले उन्‍होंने युवाओं से कहा कि यूपीए सरकार ने तेज आर्थिक विकास को देखते हुए आम आदमी को लाभ पहुंचाने की भरपूर कोशिशें कीं। कृषि उत्‍पादन बढ़ाने के लिए हमने नई-नई योजनाएं शुरू कीं। राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के माध्‍यम से स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं गांव-गांव तक पहुंच रही हैं। हम देश को और आगे बढ़ाना चाहते हैं।

लोकपाल बिल, आने वाले वक्‍त में हमारी कोशिश रहेगी कि हमारी हर योजना का फायदा देश के हर नागरिक तक पहुंचे। खास तौर से उन लोगों को जो प्रगति के रास्‍ते से दूर हो गये हैं। हमारे सामने तमाम चुनौतियां हैं, जिनका मुकाबला करना होगा। देश में राजनैतिक अस्थिरता बनी हुई है। इस तरह के मुश्किल हालातों से कांग्रेस पार्टी ने बखूबी सामना किया। हमें उम्‍मीद है कि हम जरूर सफल हो पायेंगे।

हम आगे जो काम करना चाहते हैं, उनके लिए बहुत से नये कानून बनाना और वर्तमान कानूनों में संशोधन जरूरी है। इसके लिए हम संसद में अच्‍छे प्रस्‍ताव लायें और देश को विकास के पथ पर बढ़ायें। लेकिन विपक्ष संसद चलने नहीं देता। हम जो भी प्रस्‍ताव रखते हैं विपक्ष उन्‍हें बिना सोचे समझे खारिज कर देता है। हम विपक्ष से अपील करते हैं कि वे संसद को चलने दें, क्‍योंकि इसकी वजह से संसद की साख पर असर पड़ता है।