फर्रुखाबाद: लोहिया अस्पताल के इमरजेंसी गेट के पास मुख्यमंत्री मायावती के लंबे चौड़े होर्डिग के नीचे बैठी निराश्रित महिला घंटो से पैर में कीड़े पड़ जाने तक खराब हो चुके जख्म की असहनीय पीड़ा से बुरी तरह चिल्लाती रही, मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन गूंगी बहरी अपाहिज लोहिया अस्पताल की व्यवस्था के न तो कान पर जूं रेंगी, न किसी ने उसे मदद का आश्वासन दिया और न ही कोई उसकी मदद को आया।
दोपहर लगभग ११ बजे रविवार की छुट्टी होने के बावजूद भी आपातकालीन चिकित्सालय में मरीजों व डाक्टरों का आना जाना लगा हुआ था| लोग अपने-अपने मरीजों की तीमारदारी में लगे हुए थे| वहीं रास्ते में इमरजेंसी गेट के बाहर एक असहाय विक्षिप्त महिला पैर में कीड़े पड़ जाने के दर्द से बुरी तरीके से चीख रही थी| ऊपर सूबे की मुख्यमंत्री मायावती का एक विशाल होर्डिंग लगा था, जिस पर गरीबों को मिलने वाली सारी निशुल्क सुविधाएँ बड़े-बड़े अक्षरों में लिखीं थी। इन्हीं बेजान-बेमानी सी इबारत के साथा मायावती की मुस्कराती हुई तस्वीर लगी थी|
अस्पताल परिसर में मौजूद मरीजों के तीमारदार व अस्पताल के डाक्टर व कर्मचारी उसे ऐसे देख रहे थे जैसे कि वह कोई इंसान नहीं बल्कि कोई तमाशा हो और देखने वाले कब तालियाँ बजा उठेंगे| जैसे मानों मानवता मर चुकी हो| जे ऍन आई के प्रतिनिधि ने लोहिया अस्पताल परिसर से निकल रही दो महिला चिकित्सा कर्मियों को इस सम्बन्ध जानकारी दी व तड़पती हुयी महिला की ओर उनका ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश की| वह दोनों तुरंत मदद के लिए डाक्टर लाने के बहाने लोहिया अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में घुस गयीं व दोबारा लौट कर नहीं आयीं|
सीएमएस एके पाण्डेय को इस बारे में जानकारी देने पर उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में हमारे पास कोई जानकारी नहीं है| उन्होंने इसकी जांच-पड़ताल कराने व तुरंत इलाज कराने का आश्वासन दिया|
सीएमएस को फोन करने के बाद काफी देर बाद लाहिया अस्पताल के कर्मचारियों ने महिला को अस्पताल में भर्ती कर इलाज प्रारंभ किया। परंतु अभी उसकी मुश्किलों का अंत नहीं हुआ है। अब इस गरीब बेसहारा महिला के सामने दवाइयों का संकट है।
विशेष रिपेर्ट: दीपक शुक्ला