लखनऊ: उम्रकैद काट रहे 35 वर्षीय प्रेम प्रकाश यादव का शव सात नंबर बैरक की दूसरी मंजिल पर दरवाजे की चौखट से लटकता मिला। कैदी की मौत की सूचना पर जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया, कई आला अफसर घटना स्थल पर पहुंचे। अफसरों की मौजूदगी में कैदी का शव उतारा गया। जेल प्रशासन की सफाई है कि गैर इरादतन हत्या के मामले में सजा से दुखी होकर कैदी ने खुदकुशी की है। वहीं, प्रशासन ने मामले की मजिस्ट्रेटी जांच कराने का फैसला किया है।
मलिहाबाद के बहेलिया गांव निवासी पे्रम प्रकाश ने वर्ष 2005 की 27 मार्च को जमीन विवाद में अपने चचेरे भाइयों क्रमश: इंद्रपाल, जसवंत तथा उनके पिता राम कुमार के साथ गांव के ही निरंजन पासी की लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। गैर इरादतन हत्या और एससी-एसटी एक्ट के मामले में ये सभी जेल गए लेकिन, फिर जमानत पर छूट कर आ गए। इस दौरान राम कुमार का देहावसान हो गया। दस माह पूर्व इसी मामले में विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट में सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और जेल भेज दिया।
प्रेम प्रकाश दस माह से जिला जेल के 10 नंबर बैरक में बंद था। कैदी प्रेम प्रकाश की मौत के बाद जेल में अफवाहों का बाजार गर्म रहा। पूरे दिन जेलकर्मियों द्वारा प्रेम प्रकाश की पिटाई की चर्चा जोरों पर रही। सूत्रों का कहना था कि पैसों के लेनदेन को लेकर एक डिप्टी जेलर व बंदीरक्षक ने उसकी पिटाई की थी जिससे आहत होकर उदसने ये कदम उठाया। हालांकि इस बाबत जेल अधीक्षक दधीराम मौर्य का कहना है कि ये अफवाह उड़ाई जा रही है। प्रेम प्रकाश के साथ ऐसी कोई घटना नहीं हुई। जेल सूत्रों की मानें तो उम्र कैदी प्रेम प्रकाश 11.30 बजे से बैरक से गायब था। फिर 12 बजे की गणना में उसकी गायब होने की सूचना जेल कर्मचारियों को क्यों नहीं मिली? इसका मतलब साफ है कि गणना में लापरवाही बरती गई या फिर ये कार्रवाई कागजों में पूरी कर दी गई।
जेल अधीक्षक दधीराम मौर्य के मुताबिक अपराह्न तीन बजे बंदियों की गिनती चल रही थी। तभी दस नंबर बैरक में उम्रकैदी प्रेम प्रकाश के लापता होने की खबर आई। तभी एक जेलकर्मी को प्रेम प्रकाश सर्किल नंबर दो के सात नंबर बैरक की दूसरी मंजिल के दरवाजे के चौखट से लूंगी के सहारे लटका मिला। ये दरवाजा बैरक की छत पर खुलता है। जेल प्रशासन का कहना है कि ये दरवाजा हमेशा बंद रहता है। सूचना पर डीआईजी जेल शरद कुलश्रेष्ठ, एडीएम (प्रशासन) ओमप्रकाश आर्या, एसपी (आरए) श्रीकृष्ण, एसडीएम सोबरन सिंह, तहसीलदार जितेंद्र प्रसाद सिंह व सीओ सरोजनीनगर डॉ संजय कुमार समेत कई आला अफसर मौके पर पहुंच गए। सभी ने घटना स्थल का जायजा लिया। एडीएम (प्रशासन) ने फील्ड यूनिट व फोटोग्राफर को बुलाया और बारीकी से जांच कराई। फील्ड यूनिट एक्सपर्ट ने दरवाजे व चौखट पर बने फ्रिंगर प्रिंट के निशान लिए गये।