चुनाव करीब देख कर्मचारियों ने किया आंदोलन का एलान

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लखनऊ: बीते मंगलवार को यहां ज्योतिबाफुले पार्क में हुई प्रांतीय रैली में कर्मचारी-शिक्षक संघर्ष समिति ने लंबे आंदोलन का एलान कर दिया। पहले चरण में 26 सितंबर से 11 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी स्कूलों और कार्यालयों में विरोध सभाएं कर निंदा प्रस्ताव पारित किया जाएगा। इसके बाद 12 से 14 अक्टूबर तक तीन दिन सभी कार्यालयों में हड़ताल रहेगी। मांगे न मानी जाने पर संघर्ष समिति की बैठक कर बेमियादी हड़ताल की घोषणा की जाएगी।

सभा की अध्यक्षता करते हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों और कर्मचारियों की मांगों के प्रति उदासीन रवैया अपना रखा है, इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। केंद्र के समान भत्तों की राज्यकर्मियों की मांग पुरानी है, सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। यदि सरकार अब भी नहीं चेती तो उसे चुनाव में इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद और राज्य कर्मचारी संघ के प्रमुख नेताओं ने कहा कि मुख्य सचिव से सात सितंबर को हुई वार्ता विफल हो चुकी है। इस सरकार ने अपना कर्मचारी विरोधी चेहरा सामने कर दिया है। केंद्र के समान प्रदेश में मकान किराया भत्ता, परिवहन भत्ता, शिशु शिक्षा भत्ता, तदर्थ शिक्षकों, वर्कचार्ज दैनिक वेतन कर्मचारियों, सामयिक संग्रह अमीन व संग्रह सेवकों के विनियमितीकरण, निगम कर्मियों व डीआरडीए की अधिवर्षता आयु 60 वर्ष करने, रोडवेज का निजीकरण रोकने आदि मांगें पूरा होने के कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं। इसलिए अब संघर्ष करने के अलावा कोई चारा नहीं रह गया है। यदि सरकार ने मांगों पर विचार न किया तो उसे सत्ता से बाहर जाना होगा।

एडीएम सिटी ओपर पाठक के माध्यम से सरकार को 17 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया। सभा के बाद कर्मचारियों-शिक्षकों ने ज्योतिबा फुले पार्क से जीपीओ तक के लिए रैली निकाली लेकिन परिवर्तन चौक के पास ही प्रशासन ने उसे रोक दिया। अंतत: वहीं रैली खत्म करने की घोषणा कर दी गई। रैली में प्राथमिक शिक्षक संघ, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ, निगम कर्मचारी महासंघ, जल संस्थान कर्मचारी महासंघ, स्वायत्त शासन कर्मचारी महासंघ, जिला पंचायत कर्मचारी महासंघ, संग्रह अमीन संघ आदि दो दर्जन से अधिक कर्मचारी संगठनों से जुड़े विभिन्न जिलों के लोग शामिल हुए।