शिक्षा विभाग में मुन्ना भाईओं का फर्जीबाड़ा- भाग-1

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फर्रुखाबाद: फर्जी अंकपत्रों के सहारे कई मुन्ना भाई बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे हैं| यह बात नहीं कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और डायट प्राचार्य को जानकारी नहीं है लेकिन शिक्षा माफियाओं का रैकेट शिकायत होने पर सम्बंधित विश्व विद्यालय/ बोर्ड से प्राप्त सही सत्यापन के स्थान पर फर्जी अंकपत्रों में अंकित प्राप्तांकों का फर्जी सत्यापन बदलकर शिकायत रफा दफा करवा देते हैं| फर्जी हाई स्कूल अंकपत्र से नियुक्त मुन्ना भाई का मामला खुला तो उसको दबाने की कोशिश की जार रही है|

एक आर टी आई कार्यकर्ता रूपलाल ने सूचना के अधिकार अधिनियम के माध्यम से मामले का खुलासा कर दिया है। पांच वर्षों से फर्जी हाई स्कूल अंकपत्र से चयनित ग्राम मातापुर पोस्ट पिपरगाँव निवासी शिक्षक राज नारायण शाक्य पुत्र मोहन लाल शक्य विभाग मे कार्यरत है। इसके विरुद्ध धोखाधड़ी करने पर सेवा समाप्त कर भुगतान किये गए वेतन की बसूली व FIR दर्ज करवाने हेतु कार्यवाही की मांग के सम्बन्ध में जिलाधिकारी फर्रुखाबाद को प्रार्थना पत्र दिया गया है|

राज नारायण शाक्य ने शिक्षक बनने के लिए वर्ष १९९९ में विशिष्ट बीटीसी के अंतर्गत अपनी उतीरण शैक्षिण योग्यताओं के तृतीय श्रेणी व द्वितीय श्रेणी की अंकतालिकाओं को लगाकर आवेदन किया था| हाई स्कूल व बीए में उत्तीर्ण प्रतिशत ५० से कम होने पर शिक्षक नहीं बन सके| इसके पांच वर्ष बाद विशिष्ट बीटीसी के अंतर्गत राज नारायण शाक्य हाई स्कूल १९८४ के असली अंकपत्र में प्राप्तांक २२५/६०० अनुत्तीर्ण को बढाकर ४४५/६०० प्रथम श्रेणी का फर्जी अंकपत्र एवं राम मनोहर लोहिया विश्व विद्यालय से सम्बद्ध कामता प्रसाद सुन्दर लाल साकेत महा विद्यालय अयोध्या फैजाबाद की फर्जी बीए प्रथम श्रेणी उत्तीरण अंक पत्र एवं प्रमाण पत्र बनवाकर आवेदन कर मेरिट में आने से शिक्षक बनने में सफल हो गया|

डायट एवं बीएसए कार्यालय से जुड़े फर्जी अंकपत्रों का फर्जी सत्यापन करवाने वाले रैकेट की मेहरबानी से यह मुन्ना भाई शासन को को २० हजार रुपये मासिक का चूना लगा रहा है| राज नारायन शाक्य ने हाई स्कूल की परिक्षा १९८४ में अनुक्रमांक ०३२८९९३ से सर्वोदय इंटर कालेज पिपर गाँव से दी थी| जिसमे वह गणित में २२ नंबर पाकर फेल हुए थे| कुल ६०० अंकों में २२५ मिले थे लेकिन राज नारायण ने माध्यमिक शिक्षा परिषद् उत्तर प्रदेश इलाहाबाद से ४४५ अंकों की एक फर्जी अंक तालिका बनवाई और उसी के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में वि बीटीसी के अंतर्गत सहायत्क अध्यापक पद पर ३१ दिसंबर २००५ को नियुक्त हुए| मजे की बात तो यह है कि डायट छिबरामऊ और रजलामई व जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय के लिपिकों और फर्जी अंकपत्रों का सत्यापन कराने वाले गिरोह ने ४४५ की  फर्जी अंकतालिका का भी सत्यापन करा लिया| इसी तरह इनके द्वारा अपनी बीए की फर्जी अंकतालिका भी राम मनोहर लोहिया विश्व विद्यालय फैजाबाद के सम्बद्ध कामता प्रसाद सुन्दर लाल साकेत स्नातकोत्तर महा विद्यालय की फर्जी अंकपत्र बनाने वाले गिरोह से प्रथम श्रेणी की बनवाई जिसका भी शिक्षा माफियाओं ने फर्जी सत्यापन करवा दिया|

RTI के माध्यम से रूपलाल निवासी ग्राम नवादा पोस्ट दरौरा जनपद फर्रुखाबाद ने इस मुन्ना भाई की माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से दसंवी के अंकपत्र का सत्यापन मांगा तो पता चला कि इस रोल नंबर इसी नाम की हाई स्कूल की ६०० में से २२५ प्राप्तांक अनुत्तीर्ण की अंकतालिका १४ सितम्बर २०१० को जारी की गयी थी |