सीधी उंगली से घी नहीं निकला तो उंगली टेहड़ी भी करेगें: अन्ना

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गांधी जी की अहिंसा वाली भाषा नहीं समझेगी तो वे शिवाजी की हिंसा वाली भाषा भी अपनाएंगें

दिल्‍ली। गांधीवादी अन्‍ना हजारे के तेवर अब लगातार कड़े होते जा रहे हैं। दिल्‍ली में आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अन्‍ना हजारे ने सरकार को धमकाते हुए कहा कि अगर सरकार गांधी जी की अहिंसा वाली भाषा नहीं समझेगी तो वे शिवाजी की हिंसा वाली भाषा भी अपना सकते हैं। मतलब अगर सीधी उंगली से घी नहीं निकला तो वे जरूरत पड़ने पर उंगली टेहड़ी भी कर सकते हैं।

कांग्रेस द्वारा खुद को ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त होने के आरोपों पर अन्‍ना हजारे ने कहा कि अब जब तक कांग्रेस उन पर लगे आरोपों को वापस नहीं ले लेती तब तक अनशन जारी रहेगा। उन्‍होंने कहा‍ कि अगर सरकार को पता है कि मैं भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त हूं तो मेरे खिलाफ मुकदमा क्‍यों नहीं चलाया जाता। सरकार मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज क्‍यों नहीं करा पा रही है।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने अन्‍ना हजारे द्वारा प्रधानमंत्री को लिखी गई चिट्ठी पर उनके गांधीवादी विचारों पर उंगली उठाई थी। जिसमें अन्‍ना हजारे ने लिखा था कि प्रधानमंत्री किस आधार पर लाल किले पर झंडा फहरा सकते हैं जब उन पर भ्रष्‍टाचार के मामले लगे हैं। कांग्रेस प्रवक्‍ता मनीष तिवारी ने तो अन्‍ना हजारे की टीम को ए कंपनी तक करार दे दिया था। इसके अलावा उन्‍होंनें अन्‍ना हजारे पर फिरौती जैसे संगीन आरोप भी लगाए थे।