फर्रुखाबाद: अब इसे पत्नी का त्याग कहें या दरोगा की बर्बरता। पुलिस ने एक युवक को निर्दोष पकड़ कर थाने में बंद कर दिया और छोड़ने की कीमत दस हजार रख दी। दो दिन तक पति के हवालात में बंद रहने पर पत्नी लौंगश्री से जब रहा नहीं गया तो उसने गहने के नाम पर बाल सी महीन अपनी एक मात्र लड़ को बेचकर दरोगा की लालच का पेट भरा। तब कहीं जाकर उसके पति छेदालाल को थाने से मुक्ति मिली। मंगलवार को इस बाबत शिकायत की गयी तो पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को जांच सौंप दी है।
बात दो अगस्त की है। थाना जहांनगंज के दरोगा रमेश चंद्र यादव ने जहानगंज बाजार में मोटर साइकिल संभलवा रहे ग्राम बहोरा निवासी छेदा लाल को पकड़ लिया, और थाने लाकर बंद कर दिया। छोड़ने की कीमत दस हजार रुपये रखी गयी। दो दिन तक जब मिन्नत समाजत के बाद दरोगा का दिल नहीं पसीजा तो गरीब की पत्नी लौंग श्री ने अपने एक मात्र गहने चेन को मोहम्मदाबाद में सर्राफ मुकेश की दुकान पर बेंच दिया। बेचने पर भी कीमत मात्र आठ हजार ही मिली। उसने सारा पैसा लाकर दरोगा के कदमों में डाल दिया। कौन कहता है कि पुलिस को रहम नहीं आता? दरोगा की दिरयादिली देखिये उसने रिश्वत की रकम में दो हजार कम होते हुए भी छेदालाल को छोड़ दिया। लौंगश्री का गला सूना हो गया तो क्या, सुहाग तो वापस आ गया।
मंगलवार को मामले की शिकायत लोधी महासभा के संरक्षक सतीश वर्मा, जिलाध्यक्ष राधेश्याम वर्मा व जिला महामंत्री ईश्वर दयाल वर्मा ने पुलिस अधीक्षक से की है। एसपी ओमप्रकाश सागर ने बताया कि प्रकरण की शिकायत प्राप्त हुई है। जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपी गयी है। जांच में दोषी पाये जाने पर दरोगा के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जायेगा।