मिड – डे मील घोटाले में मिनिस्ती एस सहित मैनपुरी के तीन डीएम फंसे

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सीबीआई ने मांगी मुकदमा दर्ज करने की अनुमति

फर्रुखाबाद: जनपद मैनपुरी के नौ करोड़ से अधिक के बहुचर्चित मिड-डे मील घोटाले में जनपद में मार्च 08 से मार्च 11 के बीच तैनात रहीं एस मिनिस्ती सहित तीन डीएम व दो सीडीओ फंस गये हैं। सीबीआई ने हाईकोर्ट में अपनी प्राथमिक जांच सौंपते हुए इनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराकर नियमित जांच की हाईकोर्ट से अनुमति मांगी है। सीबीआई ने प्रारंभिक जांच में प्रथम दृष्टया इन अधिकारियों को दोषी पाया है।

विदित है कि इस दौरान एस मिनिस्ती, दिनेश चंद्र शुक्ला और सच्चिदानंद दुबे डीएम के पद पर और एचएस चतुर्वेदी और जेबी सिंह सीडीओ के पद पर तैनात रहे थे। हाईकोर्ट में “एमएस सोसाइटी फार साइंस एंड इन्वायरमेंट अवेयरनेंस” ने प्रदेश सरकार को पार्टी बनाते हुए याचिका दाखिल की थी। उच्च न्यायालय ने 30 मई 11 को मिड-डे मील घोटाले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था। सीबीआई ने मैनपुरी में दो हजार लोगों के बयान, 2075 स्कूलों के मिड-डे मील रजिस्टर, 5083 अभिलेख हासिल कर पाया कि मिड-डे मील में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं। कुल 468884.08 कुंतल खाद्यान्न का प्रयोग नहीं किया गया। जबकि मिड-डे मील को संचालित करने वाले एनजीओ सर्च को 9.09 करोड़ का भुगतान गलत तरीके से कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि डीएम रणवीर प्रसाद के निर्देश पर मिड-डे मील में घोटाले को लेकर मिड-डे मील संचालित करने वाली संस्था के सचिव और बीएसए सहित छह लोगों के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।