लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनावी समर आने से पहले ही विधायकों का अपनी जीत पक्की करने के लिए पाला बदलकर दूसरे दल में जाने का दौर शुरू हो गया है।
पिछले सप्ताह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के तीन वर्तमान विधायक महफूज किदवई, शेर बहादुर सिंह और कृष्ण कुमार सिंह उर्फ सतीश वर्मा पाला बदलकर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गए। सपा की वर्तमान विधायक संध्या कठेरिया गुरूवार को मायावती में निष्ठा जताते हुए बसपा की सदस्यता ग्रहण की। उसके अगले दिन सपा के छह वर्तमान विधायकों सर्वेश सिंह सीपू, सुल्तान बेग, अशोक कुमार सिंह चंदेल, संदीप अग्रवाल, सुंदर लाल लोधी और सूरज सिंह शाक्य ने खुद के बसपा में शामिल होने की घोषणा की।
शनिवार को बसपा के वर्तमान विधायक भगवान शरण शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वर्तमान विधायक यशपाल सिंह चौहान और राजेंद्र सिंह पाला बदलकर सपा में आ गए। इनके साथ भाजपा के पूर्व विधायक गोमती यादव और बसपा के पूर्व विधायक किशन लाल बघेल ने भी सपा में शामिल होने का ऎलान किया। पाला बदल रहे ज्यादातर विधायकों का या तो आगामी चुनाव में उनकी पार्टी से टिकट कट गया था या कटने की संभावना थी। ऎसे में चुनाव से पहले ही जीत का ठिकाना पाने के लिए वे दूसरे पार्टियों का दामन थाम रहे हैं। पाला बदलने वाले विधायकों को टिकट देने का पूरा आश्वासन मिल रहा है।
सपा ने तो सभी बसपा और भाजपा से आए बागियों को टिकट देने का ऎलान भी कर दिया है। राजनीतिक चिंतक एच.एन. दीक्षित ने कहा, “”विधायकों का यह आचरण अवसरवादिता की पराकाष्ठा है। इसके लिए उन पर संविधान के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।””
उधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा, “”यह सीधे तौर पर दलबदल कानून का उल्लंघन है।