बीपीएल नंबर बदल कर की गयी इंदिरा आवासों में हेराफेरी

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शिकायत के बाद पैसा जमा कराने की तैयारी,

पूर्व प्रधान व सेक्रेट्री के भी फंसने की संभावना,

फर्रुखाबाद: केंद्र सरकार की इंदिरा आवास योजना में हेराफेरी को रोकने के लिये बनाये गये तमाम नियम कायदों को धता बता कर आधा दर्जन अपात्रों को इंदिरा आवास न केवल आबंटित हो गये, धनराशि भी लाभार्थियों द्वारा आहरित कर ली गयी। पूर्व प्रधान ने इसकी शिकायत कराई, शिकायत सही पाये जाने पर आनन फानन में लाभार्थियों से धनराशि वापस जमा कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस अनियमितता में बीडीओ तक चकरघिन्नी बने हैं। मजे की बात है कि विस्तृत जांच में अब डीआरडीए प्रशासन पूर्व प्रधान व सेक्रेटी ही फांसते नजर आ रहे है।

………इंदिरा आवासों के आबंटन के लिये शासन के निर्देश पर एक स्थायी पात्रता सूची तैयार की गयी थी। इसमें बाकायदा लाभार्थियों के बीपीएल नंबर भी अंकित किये गये थे। कालांतर में जब अनुसूचित जाति के शत प्रतिशत लाभार्थियों को इंदिरा आवास दे दिये गये तो केंद्र सरकार की सहमति से अन्य बीपीएल परिवारों को लाभांवित करने के लिये विगत वर्ष दूसरी पात्रता सूची तैयार की गयी। इस सूची को बाकायदा ग्राम प्रधान व सेक्रेटी से सत्यापित कराने के बाद बीडीओ के हस्ताक्षर से जिला स्तर पर संकलित किया गया। इंदिरा आवासों का आबंटन इस वर्ष इसी सूची के आधार पर किया गया। इन तमाम सतर्कताओं के बावजूद विकास खंड मोहम्मदाबाद में हेराफेरी का नायाब मामला सामने आने से अधिकारी सन्न रह गये है।

………विकास खंड मोहम्मदाबाद के ग्राम हरसिंहपुर शाही में आबंटित आधा दर्जन आवासों में पहला नंबर गुड्डी देवी पत्नी नारद मुनि का है। आबंटन सूची में इसका बीपीएल नंबर 17262 दर्ज है। जबकि वास्तव में यह बीपीएल नंबर जगजीवन राम का है। जगजीवन राम को वर्ष 2008.09 में ही आवास मिल चुका है। दूसरी और गुड्डी देवी के पति जगजीवन राम का गांव में पक्का मकान है। बीपीएल सर्वे में परिवार को 25 अंक मिले थे। अर्थात यह परिवार एपीएल की श्रेणी में आता है व इसका नंबर 17347 है। इसी प्रकार का मामला सोनवती पत्नी जोध का है। आबंटन सूची में इनका बीपीएल नंबर 17290 दर्शाया गया है। जबकि वास्तव में यह बीपीएल नंबर जगपाल का है जिसकों एक बार निर्बल वर्ग आवास मिल चुका है। सोनवती के पुत्र विद्याराम को बीपीएल नंबर 17436 है। विद्याराम व उसका बड़ा भाई जगपाल सरकारी सेवा में है। इस लिये वह बीपीएल श्रेणी में हो नहीं सकते। इसी गांव की माधुरी पत्नी उदयवी को एक फर्जी बीपीएल नंबर 17336 पर इंदिरा आवास आबंटित कर दिया गया। जबकि यह बीपीएल नंबर वास्तव में गिरंद पुत्र सोनेलाल यादव का है। माधुरी गिरंद पुत्र जोध के परिवार की है, जिसकों पूर्व में निर्बल वर्ग आवास मिल चुका है। ऐसा ही मामला सुनीता पत्नी विनोद कुमार का है। आबंटन सूची में इसका बीपीएल नंबर 17380 दर्शाया गया है। यह बीपीएल नंबर वास्तव में मुन्ना नाई का है, जो पिछड़ा वर्ग से है। जबकि सुनीता चिरौंजी पुत्र धरमई के परिवार की है। इसका बीपीएल नंबर 17340 है। विनोद कुमार का गांव में पक्का मकान भी बना हुआ है।

………प्रकरण की शिकायत की जांच की गयी तो तथ्यों के सत्यापन के बाद अधिकारी सन्न रह गये। मजे की बात कि पैसा न केवल आबंटित हो गया, लोगों ने उसका आहरण भी कर लिया था। आनन फानन में लाभार्थयों से पैसा वापस एकांउट में जमा कराने की कवायद चल रही है। लाभार्थियों को भी चूंकि पूरी धनराशि मिली नहीं है, सो अब वापसी को लेकर खींचतान फंसी है। इसी बीच डीआरडीए में पूर्व प्रधान रामनरायन मिश्रा व कपिल देव त्रिपाठी के हस्ताक्षर से तैयार प्रस्ताव भी ढूंड लिया है। जिसके आधार पर अधिकारियों के अतिरिक्त इन दोनों पर भी कार्रवाई की तैयारी है।

………पूर्व प्रधान आरएन मिश्रा ने बताया कि खंड विकास अधिकारी व वर्तमान प्रधान की मिलीभगत से घोटाला किया गया है। बीपीएल नंबरों की जांच तो ब्लाक स्तर पर व जनपद स्तर पर की जानी चाहिये थी। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव तो वर्तमान प्रधान के हस्ताक्षर से आया है। वर्तमान प्रधान कमला देवी ने बताया कि यह सब पूर्व प्रधान का किया धरा है। उन्होंने बताया कि हमको जो पात्रता सूची मिली उसी के आधार पर प्रस्ताव बना दिया गया। उन्होंने बताया कि पैसा कल तक सभी लाभार्थी जमा करने के लिये कह रहे हैं।

………मुख्य विकास अधिकारी चंद्रकांत पाण्डेय ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में है। इसकी जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी। अधिकारियों व कर्मचारियों के अतिरिक्त यदि पूर्व प्रधान दोषी पाये गये तो उनको भी बख्शा नहीं जायेगा।