फर्रुखाबाद: कमालगंज आर पी डिग्री कॉलेज के बीएड छात्रो को एक तरह से फुटवाल बनाया जा रहा है| मामला इन छात्रो से सिर्फ और सिर्फ धन वसूली का ही है| कॉलेज के विरुद्ध जाँच के आदेश मार्च में होते है| जाँच रिपोर्ट मई में आ जाती है और स्वीकृत हो जाती है| कॉलेज प्रबन्धन के खिलाफ रिपोर्ट होने के बाबजूद यूनिवर्सिटी इस केंद्र पर प्रश्न पत्र भी परीक्षा के लिए भेज देती है| मगर ऐन पर्रेक्षा शुरू होने के कुछ घंटो के बाद परीक्षा न कराने का फरमान/ फैक्स यूनिवर्सिटी के कुलसचिव द्वारा भेजा जाना यूनिवर्सिटी प्रशासन की भूमिका को संदिग्ध बनाता है| इन सबके बीच छात्र पिसता अभी तक पिस रहा है|
सवाल छात्रो के साथ खेले गए खेल का है| सिर्फ और सिर्फ कॉलेज प्रबंधन ही इस सबके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया नहीं जा सकता| अगर यूनिवर्सिटी को कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ कारवाही करनी ही थी तो परीक्षा वाले दिन ही क्यूँ की गयी? जबकि जाँच रिपोर्ट और प्रबंधन के विरुद्ध कारवाही की संतुस्ती 23 मई 2011 को यूनिवर्सिटी मिल गयी थी| फिर कॉलेज में प्रश्न पत्रों का भेजा जाना और उसके बाद परीक्षा न करवाना भी साजिशन धन वसूली के लिए किया गया प्रयास लगता है| अगर यूनिवर्सिटी को कारवाही करनी थी और परीक्षा नहीं करवानी थी तो प्रशन पत्र ही नहीं भेजे जाते और कॉलेज को समय रहते नोटिस देकर सत्र दिवस पूरा करने के आदेश हो सकता थे|
इस पूरे खेल में साजिश के तहत जाँच का एक पहलु ये भी है की जब कॉलेज प्रबंधन को पता चल गया था कि उनके प्रवेश पत्र विश्वविद्यालय जारी नहीं कर रहा है तो फिर आर पी डिग्री कॉलेज के प्राचार्य ने अख़बार में बयान देकर 27 जुलाई 2011 को ये खबर क्यूँ छपवाई कि प्रश्न पत्र आ गए है मगर प्रवेश पत्र डाउनलोड नहीं किये गए| खबर सीधे सीधे ये भी छप सकती थी कि विश्व विद्यालय ने प्रवेश पत्र देने से इनकार कर दिया गया है| इतना ही नहीं छात्रो को ठीक परीक्षा वाले दिन 11 बजे की परीक्षा शुरू होने की सूचना देने की बजे सुबह 7 बजे से पाली शुरू होने की खबर छपना इस बात पर शक पैदा करता है कि धन उगाही की गुंजाईश परीक्षा शुरू होने अंतिम समय बनायीं गयी| छात्र आते अवैध धन देते और इसकी सूचना फोन द्वारा यूनिवर्सिटी दे दी जाती और यूनिवर्सिटी सम्बन्धित कॉलेज के प्रवेश पत्र की फ़ाइल मिनटों में ऑनलाइन कर देता तथा सारा काम बन जाता| मगर हुआ इन सबका उल्टा| परीक्षा न होने की धमकी के बाबजूद छात्रो ने पैसे नहीं दिए उलटे छात्र भड़क गए और तोड़ फोड़ तक उतर आये| प्रशासन को भी परीक्षा शुरू होने की सूचना ११ बजे से थी और इसी हिसाब से पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाये रखने के इंतजाम किये थे मगर छात्रो को ४ घंटे पहले बुलाने की साजिश ने कानून व्यवस्था बिगाड़ दी|
फिलहाल यूनिवर्सिटी में अभी भी छात्र भटक रहे है| उनके पेपर कैसे और कब होने इस बात का कोई ठोस आश्वासन उन्हें नहीं मिला है| फुटवाल बने छात्र इस कमरे से उस कमरे चक्कर लगा रहे है|