फर्रुखाबाद: अंबेडकर ग्रामों के विकास का मामला हो तो बसपा सरकार की प्रतिबद्धता का अंदाजा लगाया जा सकता हैं। परंतु अब तो अंबेडकर गामों के विकास कार्यो पर भी जब मंत्री के नाम से अवैध वसली की बात आये तो यह आसानी से गले नहीं उतरती। परंतु ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के ठेकेदारों की माने तो यही हकीकत है। विभाग में साढ़े छह प्रतिशत अतिरिक्त वसूली के चलते ठेकेदारों मे हड़कम्प मच गया है। अधिकांश ने काम बंद कर दिये हैं व एक-दो ने तो जिलाधिकारी से शिकायत भी की है।
विदित है कि अंबेडकर ग्रामों मे नाली व सीसी सड़कों के निर्माण के लिये शासन से लगभग 12 करोड़ रुपये की कार्ययोजना स्वीकृत हुई है। शासन से इस मद मे लगभग 30 प्रतिशत बजट अवमुक्त भी किया जा चुका है। कार्यो के लिये बाकायदा टेंडर हो चुके हैं। कार्यआदेश जारी हो गये हैं। परंतु अभी बांड पर हस्ताक्षर नहीं हो पाये हैं। इसी बीच ठेकेदारों से साढ़ छह प्रतिशत अतिरिक्त व एडवांस कमीशन की मांग कर दी गयी है। मांग नही बल्कि शर्त कहिये। क्योंकि ठेकेदारों से स्पष्ठ रूप से कह दिया गया है कि यदि अतिरिक्त धनराशि का भुगतान नहीं किया गया तो बांड पर हस्ताक्षर नहीं कराये जायेंगे। ना-नुकुर करने वाले ठेकेदारों को स्पष्ट रुप से बता दिया गया है कि मामला मंत्री जी का है।
विदित है कि विभाग में लगभग 12 प्रतिशत कमीशन का तो पहले से ही रिवाज है। यह अतिरिक्त साढ़े छह प्रतिशत और लगने के बाद यह कमीशन लगभग 20 प्रतिशत हो जाता है। इसके बाद कुछ ठेकारों ने तो कार्य ही लगभग 10 से 12 प्रतिशत कम रेट पर लिया है। यदि ठेकेदार का मुनाफा भी जोड़ लिया जाये तो वास्तविक कार्य के लिये लगभग 70 प्रतिशत ही बचता है। जाहिर है इससे गुणवत्ता प्रभावित होगी व काम की जांच होने पर फिर ठेकेदार ही फंसेगा।
इस सम्बंध में ठेकेदारों ने जिलाधिकारी से भी शिकायत की है। सूत्रों की माने तो जिलाधिकारी को भी अधिकारियों ने ऊपर के निर्देशों के विषय में अपनी विवशता बतादी है। अब ठेकेदार निविदायें स्वीकृत हो जाने के बाद भी बांड पर हस्ताक्षर न कराये जाने के मामले में उच्च न्यायालय जाने की तैयारी में हैं।
अधिशासी अभियंता आरईएस रियाज अली ने बताया कि वसूली व कमीशन की बात गलत है। अभी तक किसी ठेकेदार ने उनसे इस संबंध में शिकायत भी नहीं की है।