होटलों और मेरिज हालों पर शिकंजा कसने की तैयारी

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एक माह में पंजीकरण कराने को नोटिस-तहसीलदार से मांगी रिपोर्ट,

फर्रुखाबाद: आप को जानकर हैरानी होगी कि जनपद में एक भी पंजीकृत होटल, लाज या मैरिज हाल नहीं है और न ही लगभग दो दर्जन से अधिक इन होटलों और मेरिज हालों से प्रशासन को सुखसाधन कर के नाम पर कोई राजस्व प्राप्त होता है। परंतु अब जिलाधिकारी रिग्जिन सैम्फेल ने जनपद में संचालित विभिन्न होटलों, लाज व मैरिज हालों पर शिकंजा कसने के लिये उनके पंजीकरण व सुखसाधन कर वसूले जाने की तैयारी कर ली है। इस संबंध में एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया है व तहसीलदारों से उनके क्षेत्र में संचालित होटल, लाज व मैरिज हालों की सूची मांगी गयी है।

विदित है कि नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित समस्त होटल, धर्मशाला, लाज, गेस्ट हाउस, मैरिज हाल व ऐसे स्थान जहां लोगों के ठहरने की व्यवस्था है वह सभी सराय एक्ट 1867 के अंतर्गत आते हैं। एक्ट के अनुसार इन सभी प्रतिष्ठानों का पंजीकरण कराया जाना आवश्यक है, जिसमें सक्षम अधिकारियों द्वारा इन स्थानों पर अग्निशमन या पार्किंग आदि की सुविधाओं का सत्यापन किया जायेगा। पंजीकरण के उपरांत जिला प्रशासन द्वारा पंजीकरण प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया जायेगा। पंजीकरण आवेदन के साथ ही होटल मालिक को अपने यहां उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं व उनके लिये वसूले जाने वाल शुल्क का भी खुलासा करना होगा। जिससे बाद में अधिक वसूली की शिकायत पर कार्रवाई की जासके। प्रतिष्ठान की वार्षिक आमदनी के आधार पर सुखसाधन कर का निर्धारण किया जायेगा। मजे की बात है कि 144 साल पुराने इस कानून की तरफ आज तक किसी जिलाधिकारी ने ध्यान ही नहीं दिया।

जिलाधिकारी रिग्जिन सैम्फेल ने सोमवार को इस आशय के सार्वजनकि नोटिस के माध्यम से जनपद में संचालित में संचालित समस्त होटल, धर्मशाला, लाज, गेस्ट हाउस, मैरिज हाल संचालकों से एक माह के भीतर पंजीकरण हेतु निर्धारित प्रारूप पर सूचना के साथ आवेदन प्रस्तुत कर देने के निर्देश दिये हैं। निर्धारित समयसीमा के उपरांत बिना पंजीकरण के संचालित प्रतिष्ठानों के मालिकों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी। जिलाधिकारी ने सभी तहसीलदारों से उनके कार्य क्षेत्र में संचालित सभी होटल, लांज व मैरिज हालों की सूचना मांगी है।