बच्चे परिवार, समाज और राष्ट्र की अनमोल धरोहर हैं| उन्हें अस्वस्थ और अशिक्षित बनाए रक्हने का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किया जाने वाला कोई भी प्रयास किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता| दुर्भाग्य से जनपद के राजेपुर विकास खंड के अंतर्गत ग्राम ग्राम खरगपुर में रामगंगा नदी में बाँध बनने के विरोध में आंदोलन कर रहे ग्रामवासी जाने-अनजाने में यही कर रहे हैं|
प्राकृतिक आपदाओं के समाधान के लिए विकास कार्यों के लिए अपनी आवाज बुलंद करना आंदोलन करना लोकतंत्र में हर नागरिक का अधिकार है| परन्तु आंदोलन के नाम पर अपने घर के नौनिहालों को दांव पर लगा देना उन्हें अस्वस्थ और अशिक्षित बनाए रखने का उपक्रम करना ही कहा जायेगा|
महाभारत में शिखंडी को आगे कर भीष्म को निरूपाय करने, आन्दोलनों में पुलिस प्रहार से बचने के लिए महिलाओं को आगे खडा कर देने की कथा और घटनायें पढ़ी-सुनी और देखी हैं| परन्तु जिन बच्चों के लिए हम सब कुछ करते हैं करने को तैयार रहते हैं| उन्हें पोलियो ड्रोप्स और स्कूली कक्षाओं से बंचित करना हमारी स्वयं की, समाज की शासन-प्रशासन की जन प्रतिनिधियों की संबेदन शून्यता की पराकाष्ठा ही कही जायेगी|
मीडिया की सुर्खियाँ बटोरने के चक्कर में हम कुछ ज्यादा ही प्रदर्शन प्रिय बन गए हैं| पट्रोल गैस के दाम बढे! सिलेंडर सिर पर रखकर आंदोलन करने तक की बात तो कुछ समझा में आती है परन्तु एक सांसद चूल्हे पर रोटी बनाकर फोटो खिंचाते हैं अपना विरोध प्रकट करते हैं| दूसरे हल चलाकर फोटो खिंचाकर बराबरी करते हैं| पुतले फूंके की रस्म अदायगी तो आयेदिन होती रहती है| फोटो खिंचा आन्दोलन खत्म| नतीजतन न कुछ होना या न कुछ हुआ| समस्या गंभीर परन्तु विरोध दिल्लगी भरा प्रभावहीन|
खरगपुर गाँव और उसके आसपास के गाँव की समस्या बहुत गंभीर है| राम गंगा नदी में बंधा बनना चाहिए| हजारों लोगों के जीवन मरण का सवाल है| समस्या बहुत गंभीर है| तीन वर्ष पूर्व नदी के कटाव को रोकने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा ठोकर बनाई गई थी| विगत वर्ष की प्रलयंकारी बाढ़ में कटाव के चलते ठोकर बह गई| वर्षा और बाढ़ की आशंका से हजारों लोगों का दिन रात का चैन खो गया है| दो वर्ष पूर्व पूरा नह्रैया गाँव ही समाप्त हो गया| सिंचाई विभाग शासन-प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी बयानवाजी और रस्म अदायगी करते रहे| गाँव के संभावित कटान को रोकने का कोई प्रयास नहीं हुआ| अब जिलाधिकारी से लेकर नीचे तक का अमला घर-घर जकार लोगों को समझा रहा है| बच्चों को प्लस पोलियो का टीका लगवाने के लिए और छात्रों को स्कूल भेजने के लिए| परन्तु युद्ध स्तर पर बाढ़ व कटाव को रोकने के कारगर उपाय अभी भी प्रारम्भ नहीं किये गए हैं|
जन प्रतिनिधियों की भूमिका और भी निराशाजनक है| क्षेत्रीय विधायक मंत्री पद छिनने के पहले से लापता है| क्षेत्रीय सांसद की पत्नी अपने संभावित विधान सभा क्षेत्र में अपने प्रति की सांसद निधि से रेवडियाँ कट रही हैं| उन्हें खरगपुर की विभीषिका से कुछ भी लेना देना नहीं है| एमएलसी नगर पालिका परिषद अध्यक्ष मनोज अग्रवाल का चुनाव अभी दूर है| अन्य जन प्रतिनिधियों ( एमएलसी गणों ) की प्राथमिकताएं दूसरी हैं| अभी तक के हालात के अनुसार कम से कम दो वर्तमान विधायक अमृतपुर सदर सीट से अपना भाग्य आजमाएंगे| दोनों में से किसी के पास इस ज्वलंत समस्या के समाधान के लिए समय नहीं है|
गाँव के लोग वेवस और बेचैन हैं उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से समस्या के समाधान के लिए सब कुछ करना चाहिए| परन्तु पल्स पोलियो और कक्षाओं का बहिष्कार नहीं| इस बहिष्कार के चलते यदि एक भी बच्चा पोलियो का शिकार हो गया तव फिर कोई भी कुछ भी कहने की स्थित और हैसियत में नहीं होगा|