बीएसए समायोजन में मस्त, छात्र त्रस्त, शिक्षा अधिकार ध्वस्त

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फर्रुखाबाद: बेसिक शिक्षा के अंतर्गत संचालित परिषदीय विद्यालयों में नये सत्र का आगाज कुछ इसी अंदाज में हुआ। बेसकि शिक्षा विभाग के अधिकारी व उनके अधीनस्थ अधिकारी शिक्षकों में समायेजन की गणित में मस्त रहे। वहीं कहीं जल भराव, तो कहीं अवैध कब्जों के चलते स्कूल कहीं तबेला तो कहीं तम्बाकू का गोदाम बने नजर आये। पहले दिन अधिकांश विद्यालयों में अधयापकों की मौजूदगी नगण्य रही। पहले दिन किसी भी स्कूल में मध्यान्ह भोजन भी नहीं बना। तो कुछ इस तरह बेसिक शिक्षा विभाग ने शैक्षिक स़त्र की पहली दस्तक पर ही शिक्षा के अधिकार की पूरी अवधारणा ही ध्वस्त कर दी।

शुक्रवार को नये सत्र की शुरुआत में खराब मौसम की परवाह किये बिना जो बच्चे स्कूल पहुंचे उन्हें मध्याह्न भोजन भी नसीब नहीं हुआ। भूख से बेहाल बच्चे दोपहर बाद ही विद्यालय से खिसक लिये। अधिकांश अध्यापक अधिकारियों की प्राथमकितायें भांप कर स्कूल गये ही नहीं। जो गये भी उनमें भी कोई साढ़े 7 पर पहुंचा तो कोई 8 बजे तक।

ग्रामीण विद्यालयों की कौन कहे, शहर व कस्बों के परिषदीय विद्यालयों की हालत भी बदतर दिखी। बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की नाक के नीचे नगर क्षेत्र में फर्रुखाबाद-फतेहगढ़ मुख्य मार्ग स्थित रेलवे लाइन के किनारे प्राथमिक विद्यालय नेकपुर कलां में शुक्रवार को कोई छात्र पढ़ने नहीं पहुंचा। स्कूल के बाहर पानी भरा रहने से अधिकांश बच्चे स्कूल तक पहुंच ही नहीं सके। कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजेपुर सरायमेदा में लोगों की मक्का भरी थी। प्राथमिक विद्यालय महरूपुर रावी में छात्र भेड़ बकरियों का बसेरा देख दंग रह गये। किसी तरह उन्हें हटाया तो शिक्षकों के जाते ही फिर भेड़ बकरियां आ गयीं। शनिवार को जब बच्चे स्कूल पहुंचेंगे तो पहले भेड़ बकरियों को भगायेंगे, फिर सफाई करेंगे। तब कहीं जाकर उन्हें बैठने को जगह नसीब होगी। शमसाबाद, राजेपुर व कायमगंज के कटरी क्षेत्र के स्कूल बंद ही रहे। शहर में रकाबगंज प्राइमरी विद्यालय की शिक्षिका रामकिशोरी के गुरुवार को सेवानिवृत्त होने से स्कूल का ताला भी नहीं खुल पाया।

प्राथमिक विद्यालय सिवारा मुकुट में बच्चों की जगह जानवर बंधे दिखायी दिये। स्कूल में कई महीनों से जानवर बंध रहे है। विद्यालय भवन में ताला लगा रहा। इसके अतिरिक्त अर्जुन नगला, बिलहा, सिरसा कमलाईपुर, सिवारा खास, लोधीपुर, सिकन्दरपुर तिहैया, पथरामई, शेखपुर, कारब इकलहरा, मिस्तनी बौराबंगश नगर, जिनौल के स्कूलों में भी ताले लटकते रहे।

तहसील अमृतपुर के गांव खरगपुर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक के न पहुंचने से ताले लटकते रहे। विद्यालय के बरामदे में लोगों ने कंडों के ढेर लगा रखा है। विद्यालय के बाहर रास्ते में बरसात का पानी भरा है। इससे कीचड़ में निकलना मुश्किल है। शिक्षक के न आने से विद्यालय बंद रहता है। प्राइमरी पाठशाला जैनापुर के परिसर के बाहर कीचड़ भरा होने से बच्चों को विद्यालय पहुंच पाना ही मुश्किल है।