फर्रुखाबाद: मार्ग दुर्धटना में घायल होने के बाद से विगत लगभग दो माह से स्वास्थ्य लाभ कर रहे जिलाधिकारी रिग्जिन सैम्फेल के दर्शन को अभी जनपद की जनता को कम से कम एक माह और तरसना पड़ेगा।
विदित है कि जिलाधिकारी रिग्जिन सैम्फेल विगत 20 अप्रैल को लखनऊ जाते समय एक मार्ग दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गये थे। दुर्घटना में उनके टांग की ऊपरी हड्डी (फीमर) में फ्रैक्चर हो गया था। इस दौरान उनका इलाज लखनऊ के ट्रामा सेंटर मे चला। वहां से वापसी के बाद से अभी श्री सैम्फेल अपने आवास पर स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। इस दौरान वह अपने बंगले से ही सरकारी काज निबटा रहे हैं और आवश्यकता पड़ने पर यही बुलाकर अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दे देते हैं। इस दौरान जनता एक ईमानदार और तेजतर्रार जिलाधिकारी के दर्शन से वंचित हो गयी है। समस्या यह है कि एक तो जनता डीएम से सीधे शिकायत नहीं कर पा रही है और दूसरे जिलाधिकारी भी अपने निर्देशों के अनुपालन की स्थिति का सही आंकलन भी नही कर पा रहे हैं। ऐसे में कामचोर अधिकारियों की मौज आ गयी है। हद तो यह है कि अधिकारी किसी काम में देरी के लिये अपनी कामचोरी का इल्जाम भी जिलाधिकारी पर यह कह कर डाल देते हैं “कि क्या करें फाइल बंगले भेजी थी, अभी तक लौटी नहीं है।” जाहिर है कि आम आदमी के पास चुपचाप वापस लौट जाने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. पीके पोरवाल ने बताया कि फीमर के फ्रैक्चर में सामान्यतय: तीन माह का समय ठीक होने में लगता है। श्री सैम्फेल के प्लास्टर को लगभग दो माह होने को हैं। इस हिसाब से उनके ठीक होने में अभी कम से कम एक माह का समय और लगने की संभावना है।