फर्रुखाबाद: जिला सहायक निबंधक सहकारिता की जांच रिपोर्ट में विकास खंड कायमगंज के ग्राम इकलहरा में आदर्श जलाशय व इंदिरा आवास के नाम पर लाखों के घोटाले का पर्दाफाश होने के बावजूद लगभग दो माह बाद भी कारर्वाई नहीं हुई है। रिपोर्ट के अनुसार जिस जलाशय के नाम पर 1.78 लाख रुपये निकाले लिये गये वह जलाशय बना ही नहीं है। इंदिरा आवास के नाम पर मिली धनराशि में भी जमकर खेल हुआ।
तत्कालीन प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी द्वारा इंदिरा आवास, शौचालय, मनरेगा व आदर्श जलाशय निर्माण आदि के नाम पर लगभग 4.5 लाख रुपये हड़प लिये जाने की शिकायत ग्रामीणों की ओर से की गयी थी। जिलाधिकारी के आदेश पर जांच जिला सहायक निबंधक सहकारी समितियां को सौंपी गयी। उन्होंने लगभग दो माह पूर्व ही अपनी जांच रिपोर्ट तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी को सौंप दी थी।
जांच रिपोर्ट के अनुसार मनरेगा के अंतर्गत कब्रिस्तान के चारों ओर खाई निर्माण का काम कराये बिना ही भुगतान निकाल लिया गया। आदर्श जलाशय के जीर्णोद्धार के नाम पर 1लाख 78 हजार रुपये निकाले गये लेकिन कहीं जलाशय बना ही नहीं। पूरी धनराशि का गबन कर लिया गया। मजे की बात तो यह है कि इस काम के लिये जो एस्टीमेंट तैयार किया गया वह इकलहरा के प्रधान के बजाए मेदपुर के प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी के हस्ताक्षरों का है। जाहिर है कि जब जलाशय ही नहीं बना तो पौधे कहां लगते सो इसका पैसा भी हड़प कर लिया गया।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2009 में 39 व्यक्तियों को इंदिरा आवास के लाभार्थी के तौर पर चयनित किया गया। इसमें बीपीएल सूची की वरीयता को भी नजरअंदाज कर दिया। चयनित 39 लाभार्थियों के आवासों में से 8 में कोई कार्य नहीं हुआ। 6 आवासों में केवल नींव बनी है। 8 आवासों की छत बनना शेष है। 15 आवासों में कमरे तो बने है लेकिन मानक के अनुसार नहीं है। सभी 39 आवासों में शौचालय नहीं बने है, निकाली गयी धनराशि का गलत प्रयोग किया गया।
जिला सहायक निबंधक सहकारी समितियां विनोद कुमार पटेल ने मामलों में तत्कालीन प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी को दोषी ठहराया था। जांच रिपोर्ट दिये जाने के लगभग दो माह बाद भी आज तक किसी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नही हुई है। सूचना के अनुसार तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी राजीव श्रीवास्तव व पूर्व प्रधान के विरुद्ध वसूली आदेश जारी किये जाने से पूर्व उनका स्पष्टीकरण चाहा गया है, जो अभी तक मिला नहीं है।