फर्रुखाबाद: नरौरा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा के जलस्तर में बढोत्तरी से प्रशासन सतर्क हो गया है। देखी गई। जिससे गंगा के किनारे बसे गांव में हलचल उत्पन्न हो गई है। जल स्तर में वृद्धि से प्रशासन सतर्क हो गया है। शनिवार को कायमगंज तहसील सभागार में बैठक कर अधिकारियों ने 15 बाढ़ चौकियां संचालित किये जाने का निर्णय लिया।
तराई क्षेत्र के गांव खानआलमपुर में गंगातट पर बसे लोगो ने शनिवार को अपना सामान समेट कर सुरक्षित स्थान पर टिकासरा ले लिया है। जलस्तर बढ़ने की खबर पर प्रशासन ने क्षेत्र के सम्बन्धित कानूनगो आदि को सर्तक कर गंगा के किनारे बसे गांव के लोगो को जानकारी दे दी है। जानकारी मिलते ही गंगा किनारे वसे ग्रामीणो में हलचल उत्पन्न हो गई। गंगा के पानी में पिछले कई दिनो से बढ़ोत्तरी देखी जा रही थी।
गंगा में पानी बढ़ने की खबर पर खानआलमपुर के गंगा के किनारे रहने वाले रामसनेही व रामवीर तिवारी ने तो अपने घरों से सारा सामान समेट लिया और वह गांव के दूसरे किनारे की ओर जाकर रहने लगे। इधर पानी बढ़ने की खबर पर किसानो के भी माथे पर चिन्ता की लकीरे दिखाई दी। उनका कहना है कि यदि पानी उनके खेतो तक आता है तो उनकी मक्का आदि की फसल बर्बाद हो जायेगी। इधर पानी बढ़ने की खबर पर प्रशासन ने ग्रामीणों के अलावा राजस्वकर्मियों को भी एलर्ट कर दिया है।
अपर जिलाधिकारी सुशीलचन्द्र श्रीवास्तव ने शनिवार को तहसील सभागार में बैठक कर बाढ़ की आशंकावाले गांवों के प्रधान, लेखपाल, पंचायत सेक्रेटरी, एएनएम व विकास विभाग के कर्मचारियों के साथ विचार विमर्श किया। अपर जिलाधिकारी सुशीलचन्द्र श्रीवास्तव को उपजिलाधिकारी हरिशंकर ने बाढ़ की संभावना पर तैयार कार्ययोजना के विषय में बताया कि तहसील क्षेत्र में बाढ़ की चपेट में आनेवाले 129 गांवों में बाढ़ से पूर्व तैयारियों के लिए 15 चौकियां बनायी जाएंगी। इसमें टाउन एरिया कार्यालय शमसाबाद, प्राइमरी पाठशाला सुल्तानगंज खरेटा, पंचायतघर कासिमपुर तराई, प्राइमरी पाठशाला ऊगरपुर, साधन सहकारी समिति चिलसरा, प्राइमरी पाठशाला संतोषपुर, प्रा. पाठशाला गढि़या हैवतपुर, प्राथमिक पाठशाला अताईपुर जदीद, प्राथमिक पाठशाला अहमदगंज बाढ़ चौकी कुआंखेड़ा खास, प्राथमिक पाठशाला धर्मपुर, जैन धर्मशाला कंपिल, प्राथमिक पाठशाला बहबलपुर, प्राथमिक पाठशाला रौकरी नाम से बाढ़ चौकियां बनेंगी। इन चौकियों से संबंधित गांवों की भी सूची तैयार की गयीं। इसमें प्रधानों व लेखपालों ने भौगोलिक स्थिति के आधार पर परिवर्तन के सुझाव भी दिये। इससे कई संशोधन किये गए। उपजिलाधिकारी ने बताया कि चौकियों पर राजस्व, विकास, स्वास्थ्य, पशुपालन विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के कर्मचारी उपस्थित रहेगे। वे बाढ़ से संबंधित गांवों को खतरों से अवगत करायेंगे। आवश्यकता पड़ने पर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचायेंगे। बैठक में तहसीलदार मोहन सिंह, डॉ. महेन्द्रकुमार, बीडीओ आरएस गौतम, एडीओ शिवप्रसाद, नायब तहसीलदार मनोजकुमार आदि उपस्थिति रहे।