फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो)दिन भर इंतजार के बाद रात में पहले चांद फिर अपने पति का दीदार कर सुहागिनों ने करवा चौथ का व्रत पूरा किया। पूजा का पति की लंबी आयु और अटूट प्रेम का आशीर्वाद मांगा। दिनभर निर्जला व्रत रखा और विधि-विधान से पूजन किया। देर शाम सोलह शृंगार कर चांद के बाद जीवनसाथी का दीदार कर सुहाग की सलामती के लिए प्रार्थना की और पति के हाथों जलग्रहण कर व्रत पूर्ण किया।
पति की सलामती के लिए महिलाएं करवाचौथ का व्रत रखती हैं। सप्ताह भर से महिलाएं व्रत की तैयारी में जुटी थीं। रविवार को व्रत की तैयारी में बाजारों में सुहागिनों की भारी भीड़ रही। महिलाओं ने करवा, सीक, चलनी, नया चावल, चूड़ा, लाई गट्टा आदि वस्तुओं की खरीददारी कर व्रत के एक दिन पहले ही पूजन तैयारी पूर्ण कर ली थी। रात में मान्यता के अनुरूप मीठा ग्रहण कर करवाचौथ व्रत की शुरुआत की। रविवार भोर में उठकर सुहागिनों ने पूरे निष्ठाभाव से निर्जला व्रत का संकल्प लेकर अनुष्ठान शुरू किया। रात को आसमान में चांद दिखा, महिलाएं पूजा की थाली सजा कर घरों की छत पर पहुंच गईं, जहां पहले चलनी से चांद को निहारा, फिर चलनी की ओट से अपने जीवन साथी के चेहरे का दीदार किया। इसके बाद करवा से चंद्रमा को अर्घ्य देकर पति की दीर्घायु की कामना की। फिर पति को घर में बनाए गए पकवान खिलाकर अपने व्रत पूर्ण किया।