फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) शनिवार को हिन्दी दिवस के अवसर पर अभिव्यंजना संस्था द्वारा एनएकेपी महिला महाविद्यालय में एक विचार गोष्ठी और काव्यांजलि का आयोजित किया गया । जिसमे कर्मक्षेत्र पुस्तक का विमोचन भी किया गया| इसके साथ ही हिंदी पर युवाओ की कम दिलचस्पी पर चिंता जाहिर की गयी|
कवि डॉक्टर शिवओम अम्बर ने कहा कि आज विद्यार्थियों का हिन्दी के प्रति जो लगाव कम होता जा रहा है, यह दशा अत्यंत चिंतनीय है, उन्होंने कहा की कम से कम कार्यक्रमों में तो अधिक से अधिक लोगों विचार सुनना चाहिए । हिन्दी को आज की स्थिति में लाने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ा यह जानना जरूरी है । डॉ. राजकुमार सिंह ने कहा कि आज 60 करोड़ से ज्यादा लोग विश्व भर में हिन्दी बोल रहे हैं और डेढ़ सौ से अधिक विश्वविद्यालय में हिन्दी पढ़ाई जा रही है। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. शशि किरण सिंह ने कहा कि हमें हिन्दी बोलने में संकोच नहीं करना चाहिए, उन्होंने कहा कि कई अवसरों पर जब अंग्रजी में बात की जाती है तो हिन्दी वालों को अपने आप में कुंठित नहीं होना चाहिए । ड़ॉ रजनी सरीन ने कहा महादेवी वर्मा छायावाद की बड़ी कवियत्री होते हुए नारी शिक्षा और नारी सम्मान की बड़ी पक्षधर थी, उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भी भाग लिया ।नारी को सशक्त बनना है परन्तु अपनी शालीनता और गरिमा नही भूलनी चाहिए । उन्होंने प्रतिवर्ष हिंदी में सर्वोच्च अंक लाने वाली छात्राओं को अभिव्यंजना की ओर से सम्मानित करने और पुरस्कार देने की घोषणा की| भूपेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आज हिंदी को संविधान सभा में अपनाए जाने को लेकर 75 वर्ष पूर्ण हुए और इसलिए आज हिंदी का अमृत महोत्सव है । भारती मिश्रा की पुस्तक कर्मक्षेत्रे का विमोचन किया गया| डॉ. हरिदत्त द्विवेदी ने सभी का आभार व्यक्त किया ।कार्यक्रम की अध्यक्षता ज्योति स्वरूप अग्निहोत्री ने की । डॉ. गरिमा पाण्डेय ,गीता भारद्वाज ,स्मृति अग्निहोत्री ,राममोहन शुक्ल ,रामावतार शर्मा इन्दु ने काव्यपाठ किया । भारती मिश्र ने कार्यक्रम का संचालन किया। आलोक रायजादा ,सुरेन्द्र पाण्डेय ,अनिल प्रताप सिंह ,सूक्ष्मा पांडेय आदि रहे |