फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) श्री राधा माधव मंदिर से भारतीय संस्कृति की वेशभूषा में नंगे पैरों के साथ भगवान के विग्रह पवित्रता के साथ उनके भक्तगण आध्यात्मिकता के साथ श्री राधा शक्ति श्याम मंदिर भक्ति भावना के साथ ले जाते हैं| वहां उनका पूजन अर्चन वंदन संकीर्तन एवं आरती प्रसाद के साथ रथो में विराजमान करते हैं|
सबसे आगे बलराम का रथ होता है, जिसे तालध्वज कहा जाता है| सबसे पीछे जगन्नाथ का रथ होता है, जिसे नंदीघोष कहा जाता है| वहीं बीच में बहन सुभद्रा का रथ होता है| इसे दर्पदलन कहा जाता है| इन रथो पर भगवान को विराजमान किया जाता है इन रथो का निर्माणअशोक शर्मा ने किया
श्री राधा शक्ति श्याम मंदिर लोहई रोड से नगर के मुख्य मार्गों पर भक्ति धर्म ध्वजा आध्यात्मिक चिन्ह के साथ गाते बजाते नाचते हुए नगर के मुख्य द्वार श्री मदन मोहन द्वार महाप्रभु चैतन्य द्वार, बल भद्र द्वार, सुभद्रा द्वार, जगन्नाथ स्वामी द्वार, नील माधव द्वार, सुदर्शन चक्र द्वार, सिद्ध बाकुल द्वार व टोटा गोपीनाथ द्वार के माध्यम से आध्यात्मिक रहस्याओं को उजागर करते हुए मानव शरीर में नौ द्वारों के अनुसार शरीर आत्मा परमात्मा की भक्ति का वर्णन किया| चिन्मय गोस्वामी ने कहा जो लोग इस शुभ मुहूर्त में रथ यात्रा का दर्शन पूजन अर्चन बंधन करते हैं| आरती प्रसाद ग्रहण करते हैं उनका जीवन सुख शांति समृद्धि के साथ मंगलमय हो जाता है ऐसा शुभ आशीर्वाद दिया
नगर में यह यात्रा मुख्य मार्ग लोहई रोड, चौक, नेहरू रोड, घुमना बाजार, नेहरू रोड पर यात्रा का स्वागत किया| भक्तों ने जगह-जगह आरती उतरी एवं भगवान की रथ को खींचने के लिए लोग आतुर दिखाई दिये| वहीं कुछ भक्त सड़क को साफ करते हुए चल रहे थे महिला पुरुष सभी लोग भक्ति भाव से भगवान के रथ को खींच रहे थे| इस अवसर पर डॉ. मनोज मल्होत्रा, सुरेंद्र सफ्फड, अशोक वर्मा, गोपाल टंडन, श्याम, विनोद अग्निहोत्री, अशोक मिश्रा आदि संकीर्तन के साथ आचार्य किशोरी दास अपने परिकरों के साथ मुकुंद सूर्यांश राम प्रकाश, प्रदीप भक्ति रस की वर्षा कर रहे थे| रथ यात्रा भक्तों के साथ नितगंजा रेलवे रोड होते हुए राधा माधव मंदिर पहुंची| वहां भगवान जगन्नाथ स्वामी, बहन सुभद्रा, बालभद्र भैया की महा आरती एवं जगन्नाथ स्वामी का महा प्रसाद करिमा माई का महा प्रसाद पाकर लोग धन्य हो गये