फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला) सरकार की मंशा में प्रदेश की ओपन जेल सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ में बनकर लगभग तैयार है| लेकिन क्या आप जानते है कि देश आजाद होने के बाद भी जेल में ओपन जेल सिस्टम रहा है| जिसे बागी सुधार गृह के नाम से जाना जाता है| जिसकी जगह पर ही ओपन जेल का निर्माण किया जा रहा है|
दरअसल सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ पूर्व में लकूला फर्रुखाबाद में थी| जिसके बाद 1868 सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ का निर्माण कराया गया| जिसे 989 बीघा में विकसित किया गया| उसके बाद जब देश आजाद हुआ तो जो बागी बने थे उनको रखनें के लिए सेन्ट्रल जेल में पांच एकड़ में बागी सुधार गृह व उसके बाहर 30 एकड़ का फार्म हाउस बनाया गया | रिटायर्ड प्रधान बंदी रक्षक बिहारी लाल नें बताया कि उन्हें याद है कि बागी सुधार गृह में बागी रखे गये थे उन्होंने आत्मसमर्पण किया था और एक बेहतर जीवन जीने की इच्छा जाहिर की थी| उन्होंने शर्त रखी थी की वह आम कैदी की तरह नही रहेंगे लिहाज उन्हें अलग से व्यवस्था की जाये| जिसके बाद बागी सुधार गृह में उन्हें रखा गया व उन्हें अपने साथ परिवार को रखने की आजादी थी| इसके साथ ही वह मबेशी पालन कर दूध का व्यापार कर धन अर्जित करते थे| प्रतिएक बागी को जेल के फार्म हाउस पर 4 चार बीघा भूमि आबंटित की गयी थी| इसमे रहे है| जिसमें वह खेती भी करते थे| अब उसी बागी सुधार गृह के जर्जर भवन को ध्वस्त कर जेल विभाग नें खुली जेल (ओपन जेल) का निर्माण कराया है| जिसमे लगभग 200 बंदियों को रखने की व्यवस्था की तैयारी चल रही है| ओपन जेल लगभग बनकर तैयार है| जिसमे बंदी अपने परिवार के साथ रहकर खेती और मबेशी पालन आदि कर सकेंगे|
सेन्ट्रल जेल के उप कारापाल सुरजीत कुमार नें बताया बागियों को रखनें के बाद से बागी सुधार की व्यवस्था नही चली| उस समय भी बड़ी संख्या में बागी रहे थे| लिहाजा उसके बाद यह व्यवस्था खत्म कर दी गयी| अब बागी सुधार की जगह ओपन जेल का निर्माण हुआ है|