डेस्क:लोकसभा चुनाव 2024 में उतरे भाजपा व उनके सहयोगी दलों के 26 सांसद मतदाताओं की कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए जबकि 21 सांसदों पार्टी की उम्मीद के अनुरूप ही जीत दर्ज कर सके। आधे से अधिक सांसदों की हार ने प्रदेश में भाजपा को बड़ा झटका दिया है। पार्टी को चुनावी मैदान में उतरे अधिकतर सांसदों की पांच वर्षों की निष्क्रियता का खामियाजा उठाना पड़ा है। भाजपा ने अपने 47 सांसदों को टिकट दियाI भाजपा के खराब प्रदर्शन की सबसे बड़ी वजह सांसद ही बने।भाजपा के अधिकतर सांसद पिछले चुनावों की तरह ही इस बार भी मोदी के नाम पर चुनाव जीतने का सपना देख रहे थे। पांच वर्षों में जनता के बीच में रहने की बजाय सांसदों ने उनसे दूरी बनाए रखी। इसके चलते 26 सांसदों को हार का मुंह देखना पड़ा।
भाजपा के हारने वाले सांसदों में फतेहपुर से निरंजन ज्योति,मोहनलालगंज से कौशल किशोर, मुजफ्फरनगर से संजीव कुमार बलियान, आंवला से धर्मेंद्र कश्यप,आजमगढ़ से दिनेश लाल निरहुआ, बांदा से आरके सिंह पटेल, बस्ती से हरीश द्विवेदी, चंदौली से महेंद्र नाथ पांडेय, धौरहरा से रेखा वर्मा हारी।एटा से पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह, इटावा से रामशंकर कठेरिया, फैजाबाद से लल्लू सिंह, जालौन से भानु प्रताप सिंह वर्मा, कैराना से प्रदीप कुमार, कन्नौज से सुब्रत पाठक, कौशांबी से विनोद सोनकर, मछलीशहर से बीपी सरोज, प्रतापगढ़ से संगम लाल गुप्ता, रामपुर से धनश्याम लोधी, सलेमपुर से रवींद्र कुशवाहा, संत कबीर नगर से प्रवीण कुमार निषाद, सीतापुर से राजेश वर्मा व सुुल्तानपुर से मेनका गांधी तथा हमीरपुर से पुष्पेंद्र सिंह शामिल हैं।